तेजसिंह | रावल जैत्रसिंह के बाद रावल तेज सिंह मेवाड़ का शासक बना। उसने कई उपाधियाँ धारण की जो उसे प्रतिभा सम्पन्न साबित करती हैं
तेजसिंह
रावल जैत्रसिंह के बाद रावल तेज सिंह मेवाड़ का शासक बना। उसने ‘परमभट्टारक’, ‘महाराजाधिराज’ और ‘परमेश्वर’ की उपाधि धारण की जो उसे प्रतिभा सम्पन्न साबित करती हैं। तेजसिंह का शासनकाल 1253-1273 ई. के बीच में रहा था |
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तेज सिंह के समय में दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन बलबन का मेवाड़ पर आक्रमण हुआ परन्तु इसमें उसको सफलता न मिली। तेज सिंह ने उसे पीछे धकेल दिया।
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तेज सिंह की रानी जयतल्लदेवी ने चित्तौड़ में श्याम पार्श्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया। तेज सिंह के समय में ‘श्रावक प्रातिक्रमणसूत्रचूर्णि’ लिखा जाना, उसके काल की कला और साहित्यिक उन्नति का प्रमाण है।
तेज सिंह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र ‘समरसिंह (1273-1302 ई.) ‘ मेवाड़ का शासक बना जिसने तुकों को गुजरात से निकालकर गुजरात का उद्धार किया। तेजसिंह एवं उसके पुत्र समरसिंह दोनों नें ही जीवनपर्यंत दिल्ली सल्तनत के विरुद्ध संघर्ष किया था। रावल समरसिंह के दो पुत्र हुए रतनसिंह एवं कुंभकर्ण ।
रावल रतनसिंह मेवाड़ का शासक बना तथा कुंभकर्ण ने नेपाल में शाही वंश की स्थापना की।
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तेजसिंह FAQ
Ans – रावल जैत्रसिंह के बाद रावल तेजसिंह मेवाड़ का शासक बना.
Ans – रावल तेज सिंह ने ‘परमभट्टारक’, ‘महाराजाधिराज’ और ‘परमेश्वर’ की उपाधियाँ धारण की थी.
Ans – तेजसिंह का शासनकाल 1253-1273 ई. के बीच में रहा था.
Ans – तेजसिंह की रानी जयतल्लदेवी ने चित्तौड़ में श्याम पार्श्वनाथ मंदिर का निर्माण करवाया था.
Ans – तेज सिंह की मृत्यु के बाद समरसिंह मेवाड़ का शासक बना था.
Ans – समरसिंह के दो पुत्र हुए थे.
Ans – कुंभकर्ण ने नेपाल में शाही वंश की स्थापना की थी.
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