साका | जब दुश्मन द्वारा किसी राजपूत दुर्ग पर आक्रमण किया जाता था तो राजपूत योद्धा केसरिया धारण करते थे तथा राजपूत वीरांगना जौहर व्रत करती थी वह ‘साका’ कहलाता था
साका
जब दुश्मन द्वारा किसी राजपूत दुर्ग पर आक्रमण किया जाता था तो राजपूत योद्धा केसरिया धारण करते थे तथा राजपूत वीरांगना जौहर व्रत करती थी वह ‘साका’ कहलाता था। इन दोनों क्रियाओं में से यदि कोई एक क्रिया नहीं होती थी तो वह ‘अर्द्ध साका’ कहलाता था। चित्तौड़ में तीन, जैसलमेर में ढाई, गागरोन और सिवाणा में दो-दो तथा जालौर व रणथम्भौर में एक-एक साके हुए थे.
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चित्तौड़ के साके
- प्रथम साका : 1303 ई. में अलाउद्दीन के आक्रमण के समय रतनसिंह को रानी पद्मिनी के नेतृत्व में।
- द्वितीय साका : 1535 ई. में गुजरात के सुल्तान बहादुरशाह के समय राणा सांगा की विधवा कर्मावती ने किया था.
- तृतीय साका : 1567 ई. में राणा उदयसिंह के समय जयमल व फत्ता की पत्नियों के नेतृत्व में किया गया।
जैसलमेर के साके
- प्रथम साका : अलाउद्दीन खिलजी के समय महारावल मूलराज के समय में हुआ।
- द्वितीय साका : फिरोजशाह तुगलक के समय में राव दूदा की रानी ने किया।
- तृतीय अर्द्ध साका : इस अर्द्ध साके में जौहर के लिए पर्याप्त समय न होने पर राजपूत वीरों ने दुर्ग की सभी स्त्रियों को अपने हाथों से अपनी ही तलवार से मौत के घाट उतार दिया था। इसे अर्द्ध साके का दर्जा इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें वीरों ने केसरिया तो धारण किया लेकिन महिलाओं ने जौहर नहीं किया था।
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गागरोण के साके
- प्रथम : 1423 ई. में माण्डू सुल्तान होशंगशाह के आक्रमण के समय अचलदास खाँचो की रानी उम्मादे के नेतृत्व में किया गया था।
- द्वितीय : 1444 ई. में महमूद खिलजी के आक्रमण के समय पाल्हणसी खींची को रानी के नेतृत्व में।
रणथंभौर के साके
1301 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय हम्मीर देव की पत्नी रंगदेवी के नेतृत्व में।
जालौर के साके
1311 ई. में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय कान्हड़दे की पत्नी के नेतृत्व में किया गया।
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साका FAQ
Ans – जब दुश्मन द्वारा किसी राजपूत दुर्ग पर आक्रमण किया जाता था तो राजपूत योद्धा केसरिया धारण करते थे तथा राजपूत वीरांगना जौहर व्रत करती थी वह ‘साका’ कहलाता था।
Ans – चित्तौड़ में तीन साके हुए थे.
Ans – जौइसल्मेर में ढाई साके हुए थे.
Ans – गागरोण में दो साके हुए थे.
Ans – सिवाणा में दो साके हुए थे.
Ans – जालौर में एक साके हुए थे.
Ans – रणथम्भौर में एक साके हुए थे.
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