राव मुकुंद सिंह हाड़ा | राव मुकुन्दसिंह माधोसिंह का ज्येष्ठ पुत्र था। राज्यारोहण के समय उसे शाहजहां ने शाही खिलअत तथा तीन हजार के मनसब और दो हजार सवार पद से सम्मानित किया
राव मुकुंद सिंह हाड़ा
राव मुकुन्दसिंह, माधोसिंह का ज्येष्ठ पुत्र था। राज्यारोहण के समय उसे शाहजहां ने शाही खिलअत तथा तीन हजार के मनसब और दो हजार सवार पद से सम्मानित किया। जब इसके शासनकाल में शाहजहां के चारों लड़कों में गृह युद्ध आरम्भ हुआ तो अन्य राजधानी नरेशों की भांति मुकुन्दसिंह ने भी केन्द्रीय शक्ति का साथ दिया।
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इसके चार भाई मोहनसिंह, जुझारसिंह, कन्डोराम व किशोरसिंह भी उसके सहयोगी थे। अपने तीनों भाइयों तथा अन्य 6 राजपूत सरदारों के साथ रणक्षेत्र में धराशाही हुआ। मुकुन्दसिंह ने अपने राज्य की दक्षिण सीमा के पहाड़ यानी हाड़ौती और मालवा की सरहद के बीच के घाट पर एक दुर्ग तथा अपनी प्रेयसी (उप पत्नी) ‘अबला मीणी’ के लिए महल बनवाया।
यहां एक दुर्गम घाट है जहां बहुत बड़ा दरवाजा बनवाया। यह घाट मुकुन्दसिंह के नाम पर ‘मुकुन्दडा’ कहलाता है। मुकुन्दसिंह ने अन्ता का महल’ और कोटा दुर्ग की दीवारे भी बनवाई।
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राव मुकुंद सिंह हाड़ा FAQ
Ans – राव मुकुन्दसिंह, माधोसिंह का ज्येष्ठ पुत्र था.
Ans – राज्यारोहण के समय मुकुन्दसिंह को शाहजहां ने शाही खिलअत तथा तीन हजार के मनसब और दो हजार सवार पद से सम्मानित किया था.
Ans – मुकुन्दसिंह ने अन्ता का महल’ का निर्माण करवाया था.
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