प्रताप सिंह बारहठ | Pratap Singh Barath | 1893 ई. में शाहपुरा में जन्मे कुंवर प्रताप सिंह को देशभक्ति विरासत में मिली थी. इनके पिता केसरी सिंह बारहठ व चाचा जोरावर सिंह बारहठ प्रसिद्द क्रांतिकारी थे
प्रताप सिंह बारहठ | Pratap Singh Barath
1893 ई. में शाहपुरा में जन्मे कुंवर प्रताप सिंह को देशभक्ति विरासत में मिली थी. इनके पिता केसरी सिंह बारहठ व चाचा जोरावर सिंह बारहठ प्रसिद्द क्रांतिकारी थे. क्रांतिकारी मास्टर अमीरचंद से प्रेरणा लेकर देश को स्वतंत्र करवाने में जुट गए थे.
वे रासबिहारी बोस का अनुसरण करते हुए क्रांतिकारी आन्दोलन में सम्मलित हुए थे. रास बिहारी बोस का प्रताप सिंह पर बहुत विश्वास था.
प्रताप सिंह को बनारस कांड के सन्दर्भ में गिरफ्तार किया गया व सन 1917 ई. में बनारस षड्यंत्र अभियोग चलाकर उन्हें 5 वर्ष की सश्रम सजा हुई थी. बरेली के केद्रीय कारागार में उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गई, ताकि अपने सहयोगियों का नाम उनसे पता किया जा सके, किन्तु उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया था.
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भारत सरकार के गुप्तचर निदेशक चार्ल्स क्लीवलैंड के प्रताप को घोर यातनाएं दी थी. यह सभी यातनाएं प्रताप को नहीं तोड़ पाई थी. बरेली में ही क्लीवलैंड ने प्रताप सिंह को राज उगलवाने के लिए कहा कि :- “तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए बहुत रोती है”. तब प्रताप ने जवाब दिया की :- “लेकिन मै सैकड़ो माताओं के रोने का कारण नहीं बन सकता हूँ”, “मेरी माँ को रोने दो जिससे अन्य कोई न रोए”.

अमानुषिक यातनाओं के कारण 1918 ई. में मात्र 22 वर्ष की आयु में प्रताप सिंह शहीद हो गए थे. हार कर क्लीवलैंड को यह कहना पड़ा की “मैंने आज तक कुंवर प्रताप जैसा युवक नहीं देखा”
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प्रताप सिंह बारहठ FAQ
Ans 1893 ई. में कुंवर प्रताप सिंह का जन्म हुआ था.
Ans कुंवर प्रताप सिंह का जन्म शाहपुरा में हुआ था.
Ans प्रताप सिंह के पिता का नाम केसरी सिंह था.
Ans प्रताप सिंह के चाचा का नाम जोरावर सिंह बारहठ था.
Ans क्रांतिकारी मास्टर अमीरचंद से प्रेरणा लेकर प्रताप, देश को स्वतंत्र करवाने में जुट गए थे.
Ans प्रताप, “रासबिहारी बोस” का अनुसरण करते हुए क्रांतिकारी आन्दोलन में सम्मलित हुए थे.
Ans प्रताप सिंह को बनारस कांड के सन्दर्भ में गिरफ्तार किया गया था.
Ans 1917 ई. में प्रताप को गिरफ्तार किया गया था.
Ans प्रताप को 5 वर्ष की सजा हुई थी.
Ans षड्यंत्र अभियोग चलाकर प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था.
Ans प्रताप को भारत सरकार के गुप्तचर निदेशक चार्ल्स क्लीवलैंड के प्रताप को घोर यातनाएं दी थी.
Ans बरेली में ही क्लीवलैंड ने प्रताप सिंह को राज उगलवाने के लिए कहा कि :- “तुम्हारी माँ तुम्हारे लिए बहुत रोती है”.
Ans क्लीवलैंड के कहने पर प्रताप सिंह ने कहा की :- “लेकिन मै सैकड़ो माताओं के रोने का कारण नहीं बन सकता हूँ”, “मेरी माँ को रोने दो जिससे अन्य कोई न रोए”.
Ans अमानुषिक यातनाओं के कारण 1918 ई. में प्रताप सिंह शहीद हो गए थे.
Ans मात्र 22 वर्ष की आयु में प्रताप सिंह शहीद हो गए थे.
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