महाराणा सांगा का व्यक्तित्व | सांगा का व्यक्तित्व : सांगा अन्तिम हिन्दू राजा था, जिसके सेनापतित्व में सब राजपूत जातियाँ विदेशियों को भारत से निकालने के लिए सम्मिलित हुई
महाराणा सांगा का व्यक्तित्व
सांगा का व्यक्तित्व : सांगा अन्तिम हिन्दू राजा था, जिसके सेनापतित्व में सब राजपूत जातियाँ विदेशियों को भारत से निकालने के लिए सम्मिलित हुई। सांगा ने अपने देश की गौरव रक्षा में एक आँख, एक हाथ और एक टाँग गंवा दी थी। इसके अतिरिक्त उसके शरीर के भिन्न-भिन्न भागों पर 80 तलवार के घाव लगे हुए थे।
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बाबर लिखता है कि “उसका मुल्क 10 करोड़ की आमदनी का था, उसकी सेना में 1,00,000 सवार थे। उसके साथ 7 राजा, 9 राव और 104 छोटे सरदार रहा करते थे।” उसके तीन उत्तराधिकारी भी यदि वैसे ही वीर और योग्य होते, तो मुगलों का राज्य भारतवर्ष में जमने न पाता ।
इतिहास में महाराणा सांगा का नाम ‘अन्तिम भारतीय हिन्दू सम्राट’ के रूप में अमर है। कर्नल टॉड ने राणा सांगा को ‘सिपाही का अंश’ कहा है। सांगा ने अपने देश की रक्षा में एक आँख, एक हाथ और एक पैर खो दिया, उसके शरीर पर अस्सी घाव थे। उसकी इसी स्थिति के कारण कर्नल जेम्स टॉड ने राणा सांगा को “सैनिक का भग्नावशेष” कहा है।
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महमूद खिलजी को गिरफ्तार करने की खुशी में सांगा ने चारण हरिदास को चित्तौड़ का सम्पूर्ण राज्य दे दिया था, किन्तु हरिदास ने सम्पूर्ण राज्य न लेकर 12 गांवों में ही अपनी खुशी प्रकट की।
सांगा की मृत्यु के बाद मेवाड़ की राजनीतिक स्थिति बड़ी शोचनीय हो चली। दस वर्ष की अवधि में मेवाड़ की राजगद्दी पर तीन शासक-रतनसिंह (1528-1531 ई.) विक्रमादित्य (1531-1536 ई.) और बनवीर (1536-1537 ई.) बैठे। राणा रतन सिंह और सूरजमल हाडा दोनों ‘अहेरिया-उत्सव’ (आखेट) खेलते-खेलते आपस में झगड़ पड़े और दोनों आपस में मारे गए।
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महाराणा सांगा का व्यक्तित्व FAQ
Ans – सांगा ने अपने देश की गौरव रक्षा में एक आँख, एक हाथ और एक टाँग गंवा दी थी.
Ans – सांगा के शरीर पर तलवार के 80 घाव लगे थे.
Ans – बाबर के अनुसार सांगा का मुल्क 10 करोड़ की आमदनी का था.
Ans – इतिहास में महाराणा सांगा का नाम ‘अन्तिम भारतीय हिन्दू सम्राट’ के रूप में अमर है.
Ans – कर्नल जेम्स टॉड ने राणा सांगा को “सैनिक का भग्नावशेष” कहा है.
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