मोटाराजा उदयसिंह | अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार 1583 ई. में दे दिया। मोटा राजा उदयसिंह मारवाड़ का प्रथम शासक था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की
मोटाराजा उदयसिंह
राव चंद्रसेन की मृत्यु के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्ष तक खालसा रहा। तीन वर्ष बाद अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार खिलअत और खिताब सहित 1583 ई. में दे दिया। इस प्रकार मोटा राजा उदयसिंह मारवाड़ का प्रथम शासक था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की और मुगल राज्य की कृपा प्राप्त की थी।
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मोटाराजा उदयसिंह ने 1587 ई. में अपनी पुत्री ‘मानीबाई’ का विवाह शहजादे सलीम के साथ किया। उमरा-ए-हनूद से पाया जाता है कि यह वही मानमती थी जो जगतगुसाई के नाम से प्रसिद्ध थी। जोधपुर की राजकुमारी होने के कारण उसको जोधाबाई भी कहा जाता था।
इस विवाह के अवसर पर उदयसिंह को 1000 का मनसबदार बनाया गया। जोधपुर राज्य में यह प्रथम व्यक्ति था जिसने मुगलों से वैवाहिक संबंध स्थापित कर अपने प्रभाव को मुगल व्यवस्था में बढ़ाने की चेष्टा की। इसी जोधाबाई से शहजादा खुर्रम उत्पन्न हुआ जो बाद में शाहजहाँ के नाम से मुगल सम्राट बना।
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मोटाराजा उदयसिंह FAQ
Ans – राव चंद्रसेन की मृत्यु के बाद जोधपुर राज्य (1581-1583 ई.) तीन वर्ष तक खालसा रहा था.
Ans – मोटाराजा उदयसिंह मारवाड़ का प्रथम शासक था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की.
Ans – अकबर द्वारा उदयसिंह को मारवाड़ राज्य का अधिकार और खिताब सहित 1583 ई. में दिया था.
Ans – मोटाराजा उदयसिंह ने 1587 ई. में अपनी पुत्री ‘मानीबाई’ का विवाह शहजादे सलीम के साथ किया.
Ans – मानीबाई जोधपुर की राजकुमारी होने के कारण ‘जोधाबाई’ के नाम से भी जानी जाती थी.
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