मध्यकालीन सेवक जातियाँ

मध्यकालीन सेवक जातियाँ | मध्यकाल में किम सेवा कार्य प्रचलित थे. उस समय यह लोगों की आय का मुख्य स्त्रोत हुआ करता था. इस कार्य की विशिष्ट जाति के लोग किया करते थे

मध्यकालीन सेवक जातियाँ

मध्यकाल में किम सेवा कार्य प्रचलित थे. उस समय यह लोगों की आय का मुख्य स्त्रोत हुआ करता था. इस कार्य की विशिष्ट जाति के लोग किया करते थे, जिनका वर्णन यहाँ किया जा रहा है :

कलाल

कलाल जाति का प्रमुख व्यवसाय शराब बेचना है। पहले यही लोग शराब बनाते थे। यह जाति तीन भागों में विभाजित है- (1) मूंगा, (2) टाक, (3) मेवाड़।

यह भी देखे :- मध्यकालीन कृषक जातियां

कहार

ये लोग पालकी उठाने का कार्य करते हैं। ये पानी भरते हैं तथा रसोई करते हैं।

मध्यकालीन सेवक जातियाँ
मध्यकालीन सेवक जातियाँ

बारीदार

इनका प्रमुख व्यवसाय पत्तियों की सीकों को गांठ कर दोने-पत्तल बनाना है। ये राजाओं के जूठे पत्तल भी उठाते थे। ये अपने आपको रावत कहते हैं।

यह भी देखे :- मध्यकालीन पशुपालक जातियां

बेलदार

इनका मुख्य काम भूमि की खुदाई करना है। ये तालाब खोदते हैं तथा खानें खोदकर पत्थर निकालते हैं।

बालदिया

ये बंजारा भी कहलाते हैं। ये बैलों पर बालद लादते हैं। इनका कोई घर नहीं होता, ये चलते-फिरते रहते हैं।

यह भी देखे :- मध्यकालीन सामाजिक परिवर्तन व विशिष्ट जातियां

मध्यकालीन सेवक जातियाँ FAQ

Q 1. कलाल जाति का प्रमुख व्यवसाय क्या है?

Ans – कलाल जाति का प्रमुख व्यवसाय शराब बेचना है।

Q 2. कहार जाति के लोग क्या कार्य किया करते थे?

Ans – कहार जाति के लोग पालकी उठाने का कार्य किया करते थे.

Q 3. मध्यकाल में बेलदार जाति के लोग क्या किया करते थे?

Ans – मध्यकाल में बेलदार जाति के लोग खुदाई का कार्य किया करते थे.

आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.

यह भी देखे :- मध्यकालीन राजस्थान के त्यौहार

Follow on Social Media


केटेगरी वार इतिहास


प्राचीन भारतमध्यकालीन भारत आधुनिक भारत
दिल्ली सल्तनत भारत के राजवंश विश्व इतिहास
विभिन्न धर्मों का इतिहासब्रिटिश कालीन भारतकेन्द्रशासित प्रदेशों का इतिहास

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *