मध्यकालीन त्यौहार उत्सव | मध्यकाल के समय में भारत में विभिन्न तरह के उत्सव-त्यौहार माने जाते थे. उस समय गाँव के सभी लोग एक जगह इकट्ठा होकर सभी साथ में त्यौहार मानते थे
मध्यकालीन त्यौहार उत्सव
मध्यकाल के समय में भारत में विभिन्न तरह के उत्सव-त्यौहार माने जाते थे. उस समय गाँव के सभी लोग एक जगह इकट्ठा होकर सभी साथ में त्यौहार मानते थे.
यह भी देखे :- मध्यकालीन खान-पान
यह भी देखे :- मध्यकालीन स्त्रियों की दशा
त्यौहारों पर भोजन बनाना तथा समय-समय पर गोठ करना यहां की परम्परा थी। एकादशी, महाशिवरात्रि और श्रावण मास में महा- चतुर्दशी के त्यौहार पर उपवास रख कर यहां के निवासी संध्याकाल में रुचिकर व्यंजनों का सेवन करते थे। इस धार्मिक प्रवृत्ति ने ही राजस्थान के लोगों को भीरू बना दिया था।
धर्मभीरु व्यक्ति लोक और परलोक सुधारने की दृष्टि से समय-समय पर तीर्थयात्राएं भी करते थे।
यह भी देखे :- मध्यकालीन सामाजिक स्थिति
मध्यकालीन त्यौहार उत्सव FAQ
Ans – धर्मभीरु व्यक्ति लोक और परलोक सुधारने की दृष्टि से समय-समय पर तीर्थयात्राएं भी करते थे.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- मध्यकालीन प्रमुख लाग-बाग