महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम

महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम | महाराजा ईश्वरीसिंह द्वारा आत्महत्या कर लेने पर माधोसिंह जयपुर की गद्दी पर बैठे। इनके पुरुषार्थ के बारे में अनेक रोचक किवंदतियां प्रचलित हैं

महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम

महाराजा ईश्वरीसिंह द्वारा आत्महत्या कर लेने पर माधोसिंह जयपुर की गद्दी पर बैठे। माधोसिंह प्रथम सात फीट लम्बा व चार फीट चौड़ा था। इनका गाउन (कुर्ता) एवं पायजामा सिटी पैलेस म्यूजियम, जयपुर में रखा हुआ है, जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है। माधोसिंह 39 वर्ष की आयु में ही स्वर्गवासी हो गए। इनके पुरुषार्थ के बारे में अनेक रोचक किवंदतियां प्रचलित हैं, जिनको सुनकर हर कोई रोमांचित हो उठता है।

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माधोसिंह के राजा बनने के बाद मराठा सरदार मल्हार राव होल्कर एवं जयअप्पा सिंधिया ने इससे बड़ी रकम की मांग की, जिसके न चुकाये जाने पर मराठा सैनिकों ने जयपुर में उपद्रव मचाया, फलस्वरूप नागरिकों ने विद्रोह कर मराठा सैनिकों का कत्लेआम कर दिया। यहीं से मराठों एवं राजपूताना के शासकों के मध्य कड़वाहट उत्पन्न हो गई जिसके गम्भीर परिणाम निकले। महाराजा माधोसिंह ने मुगल बादशाह अहमदशाह, जाट महाराजा सूरजमल (भरतपुर) एवं अवध नवाब सफदरजंग के मध्य समझौता करवाया।

महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम
महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम
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इसके परिणामस्वरूप बादशाह ने रणथम्भौर किला माधोसिंह को दे दिया। इससे नाराज हो कोटा महाराव शत्रुसाल ने जयपुर पर आक्रमण कर नवम्बर, 1761 ई. में भटवाड़ा के युद्ध में जयपुर की सेना को पराजित किया। 1763 ई. में सवाई माधोसिंह ने सवाईमाधोपुर नगर बसाया। साथ ही में मोती डूंगरी पर महलों का निर्माण करवाया। इनकी मृत्यु 1768 ई. में हो गई। माधोसिंह के दो रानी और तीन पुत्र थे। उनमें रघुवीरसिंह मर गए और पृथ्वीसिंह तथा प्रतापसिंह यथाक्रम राजा हुए। पृथ्वीसिंह की उम्र (5 वर्ष) बहुत छोटी थी इस कारण जनानी ड्योढ़ी का हुक्म सर्वमान्य हो रहा था।

इसके राज्यकाल में माथेड़ी के प्रतापसिंह ने शासकीय अव्यवस्था देखकर शेखावाटी, मेवात तथा आगरा व मथुरा जिलों का कुछ भाग अपने अधिकार में कर लिया व कई किले बनवा लिये। प्रतापसिंह ने मुगल बादशाह को प्रसन्न कर ‘रावराजा का खिताब और ऊँचा मनसब प्राप्त किया तथा 1774 में वह एक स्वाधीन राजा मान लिया गया जिसने स्वतंत्र अलवर राज्य की नीवं डाली।’ 15 वर्ष की अवस्था में पृथ्वीसिंह पुत्रहीन अवस्था में ही परलोक सिधार जाने से उनके छोटे भाई प्रतापसिंह राजा हुए।

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महाराजा सवाई माधोसिंह प्रथम FAQ

Q 1. महाराजा ईश्वरीसिंह द्वारा आत्महत्या कर लेने पर जयपुर की गद्दी पर कौन बैठे थे?

Ans – महाराजा ईश्वरीसिंह द्वारा आत्महत्या कर लेने पर माधोसिंह जयपुर की गद्दी पर बैठे थे.

Q 2. माधोसिंह का देहांत कितने वर्ष की आयु में हुआ था?

Ans – माधोसिंह का देहांत 39 वर्ष की आयु में हुआ था.

Q 3. सवाई माधोपुर नगर किसने बसाया था?

Ans – सवाई माधोपुर नगर सवाई माधोसिंह ने बसाया था.

Q 4. सवाई माधोपुर नगर कब बसाया गया था?

Ans – सवाई माधोपुर नगर 1763 ई. को बसाया गया था.

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