लॉर्ड वेलिंगटन | lord wellington | इसके समय में लन्दन में 7 सितम्बर से 1 दिसंबर 1931 ई. तक द्वितीय गोलमेज सम्मलेन का आयोजन हुआ था. इस सम्मलेन में कांग्रेस ने भी भाग लिया था
लॉर्ड वेलिंगटन | lord wellington
इसके समय में लन्दन में 7 सितम्बर से 1 दिसंबर 1931 ई. तक द्वितीय गोलमेज सम्मलेन का आयोजन हुआ था. इस सम्मलेन में कांग्रेस ने भी भाग लिया था. कांग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गाँधी ने किया था. दुसरे गोलमेज सम्मलेन की असफलता के बाद गाँधीजी ने 3 जनवरी 1932 ई. को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया था.
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16 अगस्त 1932 ई. में रैम्जे मैकडोनाल्ड ने विवादास्पद “साम्रदायिक पंचाट” की घोषणा की थी. इसके अनुसार दलितों को हिन्दुओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने के लिई कहा गया व दलित वर्गों के लिए अलग निर्वाचन मंडल का प्रावधान किया गया था.
इससे गांधीजी बहुत दुखी हुए व उन्होंने इसे हटाने के लिए आमरण उपवास प्रारंभ कर दिया था, अंत में एक समझौता हुआ था, जिसे प्राय “पूना समझौता ” कहते है. जिसमें दलित वर्गों के लिए साधारण वर्गों में ही सीटों का आरक्षण किया गया था. “पूना समझौता” 24 सितम्बर 1932 ई. को हुआ था.
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- 17 नवम्बर से 24 दिसंबर 1932 ई. तक लन्दन में तृतीय गोलमेज समेलन का आयोजन हुआ था. कांग्रेस ने इसमें भाग नहीं लिया था.
- बिहार में 1934 ई. में भयंकर अकाल पड़ा था.
- भारत सरकार अधिनियम-1935 पास किया गया था.
वेलिंगटन ने कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन 1915 ई. में हिस्सा लिया था. इस अधिवेशन की अध्यक्षता सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने की थी.
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लॉर्ड वेलिंगटन | lord wellington FAQ
Ans वेलिंगटन के समय में 7 सितम्बर से 1 दिसंबर 1931 ई. तक द्वितीय गोलमेज सम्मलेन का आयोजन हुआ था.
Ans द्वितीय गोलमेज सम्मलेन मवन कांग्रेस ने भाग लिया था.
Ans द्वितीय गोलमेज सम्मलेन में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व महात्मा गांधीजी ने किया था.
Ans गाँधीजी ने 3 जनवरी 1932 ई. को दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया था.
Ans दुसरे गोलमेज सम्मलेन की असफलता के बाद दुबारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया था.
Ans रैम्जे मैकडोनाल्ड ने विवादास्पद “साम्रदायिक पंचाट” की घोषणा की थी.
Ans 16 अगस्त 1932 ई. में विवादास्पद “साम्रदायिक पंचाट” की घोषणा की गई थी.
Ans विवादास्पद “साम्रदायिक पंचाट” के अनुसार दलितों को हिन्दुओं से अलग मानकर उन्हें अलग प्रतिनिधित्व देने के लिई कहा गया व दलित वर्गों के लिए अलग निर्वाचन मंडल का प्रावधान किया गया था.
Ans “पूना समझौता” 24 सितम्बर 1932 ई. को हुआ था.
Ans 17 नवम्बर से 24 दिसंबर 1932 ई. तक लन्दन में तृतीय गोलमेज समेलन का आयोजन हुआ था.
Ans तृतीय गोलमेज समेलन में कांग्रेस ने इसमें भाग नहीं लिया था.
Ans बिहार में 1934 ई. में भयंकर अकाल पड़ा था.
Ans भारत सरकार अधिनियम-1935 वेलिंगटनके समय में पास किया गया था.
Ans कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन 1915 ई. में हुआ था.
Ans कांग्रेस के बम्बई अधिवेशन की अध्यक्षता सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा ने की थी.
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