लॉर्ड इरविन | Lord Irwin | इरविन का कार्यकाल भारत के वायसराय के रूप में 1926 ई. से 1931 ई. तक रहा था. ‘लॉर्ड एडवर्ड फ़्रेडरिक लिन्डले वुड इरविन’ इरविन का पूरा नाम था
लॉर्ड इरविन | Lord Irwin
इरविन का कार्यकाल भारत के वायसराय के रूप में 1926 ई. से 1931 ई. तक रहा था. ‘लॉर्ड एडवर्ड फ़्रेडरिक लिन्डले वुड इरविन’ इरविन का पूरा नाम था. इरविन द्वितीय बाइकाउण्ट ‘हैलिफ़ैक्स’ का पुत्र था. 1881 ई. में इरविन का जन्म हुआ था
इसने ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त की तथा ब्रिटिश पार्लियामेंट का 1910 से 1925 ई. तक सदस्य रहा था. ब्रिटिश मंत्रिमंडल के विविध पदों पर भी इरविन रहा था. सारे भारत में बड़ी ही हलचल का माहौल गाँधी जी के नमक सत्याग्रह आन्दोलन के कारण थी.
यह भी देखे :- लॉर्ड डलहौजी | Lord Dalhousie
इरविन ने युक्ति से काम लिया व गाँधी जी के साथ एक समझौता किया, जो ‘गाँधी-इरविन समझौते’ के नाम से प्रसिद्ध है. 12 मार्च, 1930 ई. में इरविन के कार्यकाल के दौरान ही गाँधी जी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन आरम्भ किया गया था.
लाला लाजपत राय की मृत्यु के बदलें में 1929 ई. में दिल्ली के असेम्बली हॉल में ‘भारती चरमपंथियों’ द्वारा बम फेंका गया था.
- लाहौर में स्वतंत्रता सेनानी जतिनदास ने 13 जुलाई 1929 ई. को भूख हड़ताल शुरू की थी व 64 दिन की भूख हड़ताल के बाद 13 सितम्बर 1929 ई. को उनकी मृत्यु हो गई थी.
- भूख हड़ताल का कारण भारतीय व अंग्रेजी कैदियों के बीच व्यव्हार में किया जाने वाला भेद-भाव था.
- 1929 ई. में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में “पूर्ण स्वराज” का लक्ष्य निर्धारित किया गया व 26 जनवरी 1930 ई. को स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई थी.
- सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान 5 मई 1930 ई. को महात्मा गाँधी को गिरफ्तार कर दिया गया था.
- 25 जनवरी 1931 ई. को वायसराय इरविन ने बिना किसी शर्त के गांधीजी को रिहा कर दिया था.
12 नवंबर 1930 ई. में लन्दन में प्रथम गोलमेज सम्मलेन हुआ था. इस सम्मलेन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया था.
यह भी देखे :- लॉर्ड वेलेजली | lord Wellesley
लॉर्ड इरविन FAQ
Ans इरविन का कार्यकाल भारत के वायसराय के रूप में 1926 ई. से 1931 ई. तक रहा था.
Ans ‘लॉर्ड एडवर्ड फ़्रेडरिक लिन्डले वुड इरविन’ इरविन का पूरा नाम था.
Ans इरविन, द्वितीय बाइकाउण्ट ‘हैलिफ़ैक्स’ का पुत्र था.
Ans 1881 ई. में इरविन का जन्म हुआ था.
Ans इरविन ने ब्रिटेन में शिक्षा प्राप्त की थी.
Ans इरविन ब्रिटिश पार्लियामेंट का 1910 से 1925 ई. तक सदस्य रहा था.
Ans सारे भारत में बड़ी ही हलचल का माहौल गाँधी जी के नमक सत्याग्रह आन्दोलन के कारण थी.
Ans इरविन व गांधीजी का समझौता ‘गाँधी-इरविन समझौते’ के नाम से प्रसिद्ध है.
Ans 1929 ई. में दिल्ली के असेम्बली हॉल में ‘भारती चरमपंथियों’ द्वारा बम फेंका गया था.
Ans भूख हड़ताल का कारण भारतीय व अंग्रेजी कैदियों के बीच व्यव्हार में किया जाने वाला भेद-भाव था.
Ans 1929 ई. में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में “पूर्ण स्वराज” का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
Ans सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान 5 मई 1930 ई. को महात्मा गाँधी को गिरफ्तार कर दिया गया था.
Ans 25 जनवरी 1931 ई. को वायसराय इरविन ने बिना किसी शर्त के गांधीजी को रिहा कर दिया था.
Ans 12 नवंबर 1930 ई. में लन्दन में प्रथम गोलमेज सम्मलेन हुआ था.
Ans 64 दिन की भूख हड़ताल के बाद स्वतंत्रता सेनानी जतिनदास की मृत्यु हो गई थी.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- लॉर्ड कर्जन | Lord Curzon