केसरीसिंह बारहठ | Kesari Singh Barath | राजस्थान के प्रसिद्द कवी व क्रांतिकारी केसरी सिंह जन्मभूमि शाहपुरा व कर्मभूमि कोटा थी. इनका जन्म 1872 ई. में शाहपुरा रियासत के “देवपुरा” नामक गाँव में हुआ था.
केसरीसिंह बारहठ | Kesari Singh Barath
राजस्थान के प्रसिद्द कवी व क्रांतिकारी केसरीसिंह बारहठ की जन्मभूमि शाहपुरा व कर्मभूमि कोटा थी. इनका जन्म 1872 ई. में शाहपुरा रियासत के “देवपुरा” नामक गाँव में हुआ था.
सन 1903 ई. में कर्जन द्वारा आहूत दिल्ली के दरबार में सम्मलित होने से रोकने के लिए उन्होंने उदयपुर के महाराणा फ़तेह सिंह को संबोधित करते हुए “चेतावनी रा चूंगट्या” नामक तेरह सौरठे लिखे जो उनकी अंग्रेजों के विरुद्ध भावना की स्पष्ट अभिव्यक्ति थी.
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ब्रिटिश सरकार की गुप्त रिपोर्टों में राजपुताना में विप्लव फ़ैलाने के लिए किसरी सिंह व अर्जुन लाल सेठी को खास जिम्मेदार माना गया था. उन्होंने राजस्थान के सभी वर्गों को क्रांतिकारी गतिविधियों से जोड़ने के लिए 1910 ई. में “वीर भारत सभा” की स्थापना की थी.
राजस्थान में सशस्त्र क्रांति का संचालन किया तथा स्वतंत्रता की आग में अपने पूरे परिवार को झोंक दिया था. श्री बारहठ ने अपने सहोदर जोरावर सिंह, पुत्र प्रतापसिंह व जमाता ईश्वरदान आसिया को रासबिहारी बोस के सहयक मास्टर अमीरचंद्र की सेवा में क्रांति का व्यावहारिक अनुभव व प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेज दिया गया था.
देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले क्रांतिकारी कवि केसरी सिंह ने अगस्त 1941 ई. में अंतिम सांस ली थी.
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केसरीसिंह बारहठ FAQ
Ans राजस्थान के प्रसिद्द कवि व क्रांतिकारी केसरी सिंह जन्मभूमि शाहपुरा थी.
Ans राजस्थान के प्रसिद्द कवि व क्रांतिकारी केसरी सिंह की कर्मभूमि कोटा थी.
Ans केसरी सिंह का जन्म 1872 ई. में हुआ था.
Ans केसरी सिंह का जन्म शाहपुरा रियासत में हुआ था.
Ans केसरी सिंह का जन्म “देवपुरा” नामक गाँव में हुआ था.
Ans सन 1903 ई. में कर्जन द्वारा आहूत दिल्ली के दरबार का आयोजन किया गया था.
Ans दिल्ली के दरबार में सम्मलित होने से रोकने के लिए उन्होंने उदयपुर के महाराणा फ़तेह सिंह को संबोधित करते हुए “चेतावनी रा चूंगट्या” नामक सौरठे लिखे थे.
Ans “चेतावनी रा चूंगट्या ” नामक केसरी सिंह ने तेरह सौरठे लिखे थे.
Ans ब्रिटिश सरकार की गुप्त रिपोर्टों में राजपुताना में विप्लव फ़ैलाने के लिए किसरी सिंह व अर्जुन लाल सेठी को खास जिम्मेदार माना गया था.
Ans केसरी सिंह ने “वीर भारत सभा” की स्थापना की थी.
Ans राजस्थान के सभी वर्गों को क्रांतिकारी गतिविधियों से जोड़ना “वीर भारत सभा” की स्थापना का मुख्य उद्देश्य था.
Ans 1910 ई. में “वीर भारत सभा” की स्थापना की थी.
Ans केसरी सिंह के पुत्र का नाम प्रताप सिंह था.
Ans श्री बारहठ ने अपने सहोदर जोरावर सिंह, पुत्र प्रतापसिंह व जमाता ईश्वरदान आसिया को रासबिहारी बोस के सहयक मास्टर अमीरचंद्र की सेवा में क्रांति का व्यावहारिक अनुभव व प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेज दिया गया था.
Ans देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले क्रांतिकारी कवि केसरी सिंह ने अगस्त 1941 ई. में अंतिम सांस ली थी.
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