मुगल शासक हुमायूँ | Humayun Mughal Ruler | नसीरुद्दीन हुमायूँ 29 दिसंबर 1530 ई. को आगरा में 23 वर्ष की आयु में सिंहासन पर बैठा था. गद्दी पर बैठने से पहले हुमायूँ बदख्शां का सूबेदार था.
मुगल शासक हुमायूँ | Humayun Mughal Ruler
अपने पिता के निर्देशनुसार हुमायूँ ने अपने राज्य का बटवारा अपने बहियों में कर दिया था. इसने कामरान को काबुल और कंधार, मिर्जा असकरी को संभल, मिर्जा हिंदाल को अलवर व मेवाड़ की जागीरे दीं थी. अपने चचेरे भाई सुलेमान मिर्जा को हुमायूँ ने बदख्शां प्रदेश दिया था.
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1533 ई. में हुमायूँ ने दीनपनाह नामक नगर की स्थापना की थी. चौसा का युद्ध 25 जून 1539 ई. में शेर खां व हुमायु के मध्य हुआ था. इस युद्ध में शेर खां विजयी था. इसी युद्ध के बाद शेर खां ने शेरशाह की उपाधि धारण की थी.
बिलग्राम युद्ध 17 मई 1540 ई. में शेर खां व हुमायूँ के मध्य हुआ था. इस युद्ध में भी हुमायूँ पराजित हुआ था. शेर खां ने आसानी से दिल्ली व आगरा पर अधिकार कर लिया था.

बिलग्राम युद्ध के बाद हुमायूँ सिंध चला गया था. जहाँ उसने 15 वर्षों तक घुमक्कड़ों जैसा जीवन व्यतीत किया था. निर्वासन के समय हुमायूँ ने हिंदाल के आध्यात्मिक गुरु फारसवासी शिया मीर बाबा दोस्त उर्फ़ मीर अली अकबर जामी की पुत्री हमीदा बानू बेगम से 29 अगस्त 1541 ई. को निकाह कर लिया. कालांतर में हमीदा से ही अकबर जैसा महान सम्राट का जन्म हुआ था.
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1555 ई. में हुमायूँ ने पंजाब के शुरी शासक सिकंदर को पराजित कर पुनः दिल्ली की गद्दी पर बैठा था. हुमायूँ द्वारा लड़े गए प्रमुख चार युद्ध का क्रम निम्न है :- देवरा [1531 ई], चौसा [1539़ ई.], बिलग्राम [1540 ई.], सरहिंद का युद्ध [1555 ई.].
1 जनवरी 1556 ई. को दींन पनाह भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुमायूँ की मृत्यु हो गई थी. हुमायूँ के बारें में इतिहासकार लेनपूल ने कहा है की हुमायूँ गिरते-पड़ते इस जीवन से मुक्त हो गया ठीक उसी तरह जिस तरह वह तमाम जिंदगी गिरते-पड़ते चलता रहा था.
हुमायूँनामा की रचना गुल-बदन बेगम ने की थी. हुमायूँ ज्योतिष में विश्वास करता था, इसलिए सप्ताह के सातों दिन सात रंग के कपडे पहनने के नियम बनाए थे.
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मुगल शासक हुमायूँ FAQ
Ans नसीरुद्दीन हुमायूँ 29 दिसंबर 1530 ई. को आगरा सिंहासन पर बैठा था
Ans नसीरुद्दीन हुमायूँ 23 वर्ष की आयु में सिंहासन पर बैठा था.
Ans गद्दी पर बैठने से पहले हुमायूँ बदख्शां का सूबेदार था.
Ans कामरान को हुमायु ने काबुल और कंधार की जागीर प्रदान की थी.
Ans मिर्जा असकरी को हुमायु ने संभल की जागीर प्रदान की थी.
Ans मिर्जा हिंदाल को हुमायु ने अलवर व मेवाड़ की जागीरे दीं थी.
Ans हुमायु ने अपने चचेरे भाई सुलेमान मिर्जा को बदख्शां प्रदेश दिया था.
Ans हुमायूँ ने दीनपनाह नामक नगर की स्थापना की थी.
Ans 1533 ई. में दीनपनाह नामक नगर की स्थापना की थी.
Ans चौसा का युद्ध 25 जून 1539 ई. में हुआ था.
Ans चौसा का युद्ध शेर खां व हुमायु के मध्य हुआ था.
Ans चौसा के युद्ध के बाद शेर खां ने शेरशाह की उपाधि धारण की थी.
Ans 1 जनवरी 1556 ई. को हुमायूँ की मृत्यु हो गई थी.
Ans दींन पनाह भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुमायूँ की मृत्यु हो गई थी.
Ans हुमायूँनामा की रचना गुल-बदन बेगम ने की थी.
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