त्रिपुरा का इतिहास | History of Tripura

त्रिपुरा का इतिहास | History of Tripura | यह भारत की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित एक राज्य है. यह भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है, इसका क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किमी है

त्रिपुरा का इतिहास | History of Tripura

यह भारत की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित एक राज्य है. यह भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है, इसका क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किमी है. इसके उत्तर, पश्चिम तथा दक्षिण दिशा में बांग्लादेश स्थित है, जबकि पूर्व में असम तथा मिजोरम स्थित है.

2012 की जनगणना के अनुसार त्रिपुरा की जनसँख्या 36 लाख 71 हजार थी. इसकी राजधानी अगरतला है. यहाँ की मुख्य भाषा बंगाली तथा त्रिपुरी है. आधुनिक त्रिपुरा पर कई शताब्दियों तक त्रिपुरी राजवंशों ने शासन किया था.

त्रिपुरा की स्थापना 14वीं शताब्दी में माणिक्य नामक इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुख्या ने की थी, जिसने हिन्दू धर्म अपनाया था. ब्रिटिश साम्राज्य ने इसे 1808 ई. में अपने अधीन कर दिया. यह राज्य 1956 ई. में भारतीय गणराज्य में सम्मलित हुआ तथा इसे 1972 ई. को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

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त्रिपुरा का नामकरण

ऐसा कहा जाता है कि राजा त्रिपुर जो ययाति वंश का 39वां शासक था, इसके नाम पर ही इस क्षेत्र का नाम त्रिपुरा रखा गया था. इसके वंशज अहीरों ने यहाँ प्राचीन काल में शासन किया था.

एक अन्य मत के अनुसार स्थानीय देवी त्रिपुर सुंदरी के नाम पर राज्य का नाम त्रिपुरा रखा गया है. यह हिन्दू पंथ के 51 शक्तिपीठों में से एक है. ऐसा माना जाता है की प्राचीन काल में यह समुद्र के इतना निकट था की इसे इसी नाम से बुलाया जाने लगा था.

त्रिपुरा का इतिहास | History of Tripura
त्रिपुरा का इतिहास | History of Tripura

त्रिपुरा का इतिहास

इसका इतिहास बड़ा प्राचीन तथा लम्बा है. इसके इतिहास को त्रिपुरा क नरेश के बारें में राजमाला गाथाओं तथा मुस्लमान इतिहासकारों के वर्णनों से जाना जा सकता है. महाभारत तथा पुराणों में भी त्रिपुरा का उल्लेख है. राजमाला के अनुसार त्रिपुरा के शासकों को “फा” उपनाम से पुकारा जाता था, इसका मतलब है पिता.

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त्रिपुरा के शासकों ने “माणिक्य” उपाधि को अपनाया तथा 14वीं शताब्दी में दक्षिण त्रिपुरा में गोमती नदी के तट पर अपनी राजधानी उदयनगर में स्थानांतरित कर दी थी. इस काल में उनकी शक्ति तथा प्रसिद्धि मुगलों द्वारा भी स्वीकारी गई थी.

आधुनिक काल मुगलों के द्वारा राज्य के प्रभुत्व के पश्चात् आरंभ होता है तथा आगे अंग्रेजों के द्वारा मुगलों को पराजित करने के बाद ब्रिटिश भारत के रूप में होता है.

1871 ई. में ब्रिटिश सरकार में प्रशासन में महाराजा की सहायता के लिए एक एजेंट नियुक्त किया. इस अवधि के दौरान राज्य की राजधानी को 19वीं सदी के शुरूआती दौर में वर्तमान राज्य की राजधानी, अगरतला में स्थानांतरित कर दिया गया था.

भारत की स्वतंत्रता के बाद 15 अक्टूबर 1949 ई. को त्रिपुरा की रियासत का भारत संघ में विलय कर दिया गया था. 1 जुलाई 1963 ई. को त्रिपुरा को एक केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया था. इसे 21 जनवरी 1972 ई. को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

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त्रिपुरा का इतिहास FAQ

Q 1. त्रिपुरा भारत की किस सीमा पर स्थित है?

Ans त्रिपुरा भारत की उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित है.

Q 2. भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य कौनसा है?

Ans भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य त्रिपुरा है.

Q 3. त्रिपुरा का क्षेत्रफल कितना है?

Ans त्रिपुरा का क्षेत्रफल 10,491 वर्ग किमी है.

Q 4. 2012 की जनगणना के अनुसार त्रिपुरा की जनसँख्या कितनी थी?

Ans 2012 की जनगणना के अनुसार त्रिपुरा की जनसँख्या 36 लाख 71 हजार थी.

Q 5. त्रिपुरा की राजधानी कहाँ स्थित है?

Ans त्रिपुरा की राजधानी अगरतला है.

Q 6. त्रिपुरा की मुख्य भाषा कौनसी है?

Ans त्रिपुरा की मुख्य भाषा बंगाली तथा त्रिपुरी है.

Q 7. त्रिपुरा की स्थापना कब व किसने की थी?

Ans त्रिपुरा की स्थापना 14वीं शताब्दी में माणिक्य नामक इंडो-मंगोलियन आदिवासी मुख्या ने की थी.

Q 8. ब्रिटिश साम्राज्य ने त्रिपुरा को कब अपने अधीन कर दिया था?

Ans ब्रिटिश साम्राज्य ने त्रिपुरा को 1808 ई. में अपने अधीन कर दिया था.

Q 9. त्रिपुरा भारतीय गणराज्य में कब सम्मलित हुआ था?

Ans त्रिपुरा 1956 ई. में भारतीय गणराज्य में सम्मलित हुआ था.

Q 10. त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा कब दिया गया था?

Ans त्रिपुरा को 1972 ई. को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

Q 11. त्रिपुरा की रियासत का भारत संघ में कब विलय कर दिया गया था?

Ans 15 अक्टूबर 1949 ई. को त्रिपुरा की रियासत का भारत संघ में विलय कर दिया गया था.

Q 12. त्रिपुरा को एक केन्द्रशासित प्रदेश कब बनाया गया था?

Ans 1 जुलाई 1963 ई. को त्रिपुरा को एक केन्द्रशासित प्रदेश बनाया गया था.

लेख को पूरा पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद | अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने रिश्तेदारों व मित्रों के साथ में शेयर करना मत भूलना…..

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