राजस्थान का इतिहास | history of Rajasthan | राजस्थान क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यह देश के पांच अन्य राज्यों से जुड़ा हुआ है
राजस्थान का इतिहास | history of Rajasthan
राजस्थान क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यह देश के पांच अन्य राज्यों से जुड़ा हुआ है. इसके दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण पूर्व में मध्यप्रदेश तथा उत्तर-पूर्व में उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा है. इस राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ है.
राजस्थान का इतिहास
प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासक था. 2500 ईसा पूर्व से पहले राजस्थान बसा हुआ था, उत्तरी राजस्थान में सिन्धु-घटी सभ्यता की नींव रखी गई थी. भील तथा मीणा जनजाति इस क्षेत्र में रहने के लिए सबसे पहले आए थे.
संसार के प्राचीनतम साहित्य में अपना स्थान रखने वाले आर्य धर्मग्रन्थ ऋग्वेद में मत्स्य जनपद का उल्लेख आया है जो वर्तमान राजस्थान के साथन पर अवस्थित था. महाभारत कथा में भी मत्स्य नरेश विराट का उल्लेख आता है, जहाँ पांडवों ने अज्ञातवास बिताया था.
राजस्थान के आदिवासी इन्हीं मत्स्यों के वंशज है, जो वर्तमान में मीणा/ मीना कहलाते है. करीब 11वीं शताब्दी के पूर्व तक दक्षिणी राजस्थान पर भील राजाओं का शासन था. उसके बाद मध्यकाल में राजपूत जाति के विभिन्न वंशों ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया, उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की बोली अथवा स्थान के रूप में किया गया था.
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ब्रिटिश काल में राजस्थान राजपुताना के नाम से जाना जाता था. महराणा प्रताप, महराणा संगा, महाराजा सूरजमल तथा महाराजा जवाहरसिंह अपनी असाधारण राज्यभक्ति तथा शौर्य के लिए जाने जाते है.

पन्ना धाय जैसी बलिदानी माता तथा मीराबाई जैसी जोगिनी यहाँ की एक बड़ी शान है. कर्माबाई जैसी भक्त जिसने भगवान जगन्नाथ जी को अपने हाथों से खिचड़ा खिलाया था.
राजस्थान का एकीकरण
राजस्थान भारत का एक महत्वपूर्ण प्रान्त है. यह 30 मार्च 1949 को भारत का एक ऐसा प्रान्त बना, जिसमें तत्कालीन राजपुताना की ताकतवर रियासतें सम्मलित हुई थी. राजस्थान शब्द का अर्थ है “राजाओं का स्थान क्योंकि यह राजपूत शासकों द्वारा रक्षित भूमि थी. इसी कारण इसे राजस्थान कहा गया है.
ब्रिटिश शासकों के द्वारा भारत को आजाद करने की घोषणा के बाद जब सत्ता हस्तांतरण की कार्यवाही शुरू हुई, तभी लग था की आजाद भारत का राजस्थान प्रान्त बनना तथा राजपूताने के तत्कालीन हिस्से का भारत में विलय एक दूभर कार्य साबित हो सकता है.

आजादी की घोषणा के साथ ही राजपुताना के देशी रियासतों के मुख्यों में स्वतंत्र राज्य में भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़ मच गई, उस समय वर्तमान राजस्थान की भौगोलिक स्थिति कके नजरिये से देखे तो राजपुताना के इस भाग में कुल 22 देशी रियासतें थी.
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सत्ता की होड़ के चलते बड़ा ही दूभर लग रहा था, क्योंकि इस देशी रियासतों के शासक अपनी रियासतों के स्वतंत्र भारत में विलय की दूसरी प्राथमिकता के रूप में देख रहे थे. उनकी मांग थी की वे सालों से राज्य का शासन स्वयं चला रहे है, उन्हें इसका दीर्घकालीन अनुभव है, इस कारण उनकी रियासत को “स्वतंत्र राज्य” का दर्जा दे दिया जाए.
करीब के 10 वर्षों के ऊहापोह के मध्य 18 मार्च 1948 को शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रकिया कुल सात चरणों में नवम्बर 1956 को पूरी हुई थी. इसमें भारत सरकार के तत्कालीन रियासत तथा गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल तथा उनके सचिव वी.पी. मेनन की मुख्या भूमिका थी. इनकी सूझ-बुझ से ही वर्तमान के राजस्थान स्वरूप का निर्माण हो पाया है.

- राजस्थान से कुल 21 राजमार्ग गुजरते है.
- राजस्थान की राजधानी जयपुर है.
- राजस्थान का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ है.
- राजस्थान में 33 राज्य है.
- राजस्थान में 7 संभाग है.
- राजस्थान में विधानसभा सदस्य संख्या 200 है.
- राजस्थान में लोकसभा सदस्य संख्या 25 है.
- राजस्थान में राज्यसभा सदस्य संख्या 10 है.
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राजस्थान का इतिहास FAQ
Ans राजस्थान क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य है.
Ans राजस्थान का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग कि॰मी॰ है.
Ans प्राचीन समय में राजस्थान में आदिवासी कबीलों का शासक था.
Ans ब्रिटिश काल में राजस्थान राजपुताना के नाम से जाना जाता था.
Ans राजस्थान शब्द का अर्थ है “राजाओं का स्थान.
Ans राजस्थान में कुल 22 देशी रियासतें थी.
Ans 18 मार्च 1948 को राजस्थान के एकीकरण की प्रकिया शुरू हुई थी.
Ans राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में हुआ था.
Ans राजस्थान का एकीकरण नवम्बर 1957 ई. में पूरा हुआ था.
Ans राजस्थान की राजधानी जयपुर है.
Ans राजस्थान में 33 राज्य है.
Ans राजस्थान में 7 संभाग है.
Ans राजस्थान में विधानसभा सदस्य संख्या 200 है.
Ans राजस्थान में लोकसभा सदस्य संख्या 25 है.
Ans राजस्थान में राज्यसभा सदस्य संख्या 10 है.
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