लद्दाख का इतिहास | History of Ladakh

लद्दाख का इतिहास | History of Ladakh | लद्दाख भारत का एक केन्द्रशासित प्रदेश है. यह उत्तर में काराकोरम पर्वत तथा दक्षिण में हिमालय पर्वत के मध्य स्थित है. यह भारत के सबसे वायरल जनसँख्या वाले भागों में से एक है

लद्दाख का इतिहास | History of Ladakh

लद्दाख भारत का एक केन्द्रशासित प्रदेश है. यह उत्तर में काराकोरम पर्वत तथा दक्षिण में हिमालय पर्वत के मध्य स्थित है. यह भारत के सबसे विरल जनसँख्या वाले भागों में से एक है.

भारत गिलगित बलतिस्तान और अक्साई चिन को भी लद्दाख का हिस्सा मानता है, जो वर्तमान में पाकिस्तान तथा चीन के अवैध कब्जे में है. यह पूर्व में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, दक्षिण में हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर भारतीय केन्द्रशासित प्रदेश तथा पश्चिम में पाकिस्तानी गिलगित बलतिस्तान स्थित है.

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इतिहास

लद्दाख में कई स्थानों पर मिले शिलालेखों से पता चलता है की यह स्थान नव-पाषाणकाल से स्थापित है. यह पहली शताब्दी के आस-पास लद्दाख कुषाण राजवंश का हिस्सा था. कश्मीर में दूसरी शताब्दी में बौद्ध धर्म फ़ैल गया था. सातवी शताब्दी में बौद्ध यात्री ह्वेनसांग ने भी इस क्षेत्र का वर्णन किया है.

आठवी शताब्दी में लद्दाख तिब्बती प्रभाव तथा मध्य एशिया से चीनी प्रभाव का केंद्र बन गया था. इस प्रकार इसका आधिपत्य बारी-बारी से चीन तिब्बत के हाथों में आता रहा था. इस मस्य में लद्दाख में मुख्यतः तिब्बती जनसँख्या का आगमन हुआ था. कैलाश पर्वत तथा मानसरोवर इसी क्षेत्र के भाग थे. 950 ई. में काबुल के राजा के पास विष्णु के तीन सिर वाली एक मूर्ति थी, इसे उसने राजा भोट से प्राप्त बताया है.

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17वीं शताब्दी में लद्दाख का एक कालक्रम बनाया गया, इसका नाम “ड्वाग्स रग्याल राब्स” रखा गया था. इसका अर्थ होता है “लद्दाखी राजाओं का शाही कालक्रम”.

17 वीं शताब्दी के अंत में लद्दाख ने किसी कारण से तिब्बत की लड़ाई में भूटान का पक्ष लिया. नतीजा यह हुआ की तिब्बत ने लद्दाख पर भी आक्रमण कर दिया. यह घटना 1679-1684 का तिब्बत-मुग़ल-लद्दाख युद्ध कही जाती है. तब इस शर्त पर कश्मीर ने लद्दाख का साथ दिया की लेह में एक मस्जिद बनाई जाए और लद्दाखी राजा इस्लाम कुबूल करें. 1684 में तिंगमोसगंज की संधि हुई जिससे तिब्बत तथा लद्दाख का युद्ध समाप्त हो गया था.

लद्दाख का इतिहास | History of Ladakh
लद्दाख का इतिहास | History of Ladakh

1947 ई. को भारत विजय के समय डोगरा राजा हरिसिंह ने जम्मू-कश्मीर को भारत में विलय की मंजूरी दे दी थी. पूरा जम्मू कश्मीर भारत, चीन तथा पाकिस्तान के युद्ध का मुद्दा रहता है. कारगिल में भारत पाकिस्तान के मध्य 1947, 1965 और 1971 में युद्ध हुए तथा 1999  ई. में तो यहाँ परमाणु युद्ध का खतरा हो गया था.

1999  ई. में जो कारगिल युद्ध उसे भारतीय सेन ने “ऑपरेशन विजय” का नाम दिया था.

  1. लद्दाख को 31 अक्तूबर 2019 ई. को केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था.
  2. लद्दाख की राजधानी लेह है.
  3. लद्दाख में 2 जिले है.
  4. लद्दाख का क्षेत्रफल 59146 किमी2 है.
  5. लद्दाख की जनसँख्या 2,74,289 है.
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लद्दाख का इतिहास FAQ

Q 1. लद्दाख कहाँ स्थित है?

Ans लद्दाख उत्तर में काराकोरम पर्वत तथा दक्षिण में हिमालय पर्वत के मध्य स्थित है.

Q 2. गिलगित बलतिस्तान किसके कब्जे में है?

Ans गिलगित बलतिस्तान पाकिस्तान के अधीन है.

Q 3. अक्साई चिन किसके कब्जे में है?

Ans अक्साई चिन, चीन के कब्जे में है.

Q 4. यह पहली शताब्दी के आस-पास लद्दाख किस राजवंश का हिस्सा था?

Ans यह पहली शताब्दी के आस-पास लद्दाख कुषाण राजवंश का हिस्सा था.

Q 5. लद्दाख का कालक्रम कब बनाया गया था?

Ans 17वीं शताब्दी में लद्दाख का कालक्रम बनाया गया था.

Q 6. लद्दाख को केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा कब दिया गया था?

Ans लद्दाख को 31 अक्तूबर 2019 ई. को केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था.

Q 7. लद्दाख की राजधानी कहाँ स्थित है?

Ans लद्दाख की राजधानी लेह है.

Q 8. लद्दाख में कितने जिले है?

Ans लद्दाख में 2 जिले है.

Q 9. लद्दाख का क्षेत्रफल कितना है?

Ans लद्दाख का क्षेत्रफल 59146 किमी2 है.

Q 10. लद्दाख की जनसँख्या कितनी है?

Ans लद्दाख की जनसँख्या 2,74,289 है.

लेख को पूरा पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद | अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने रिश्तेदारों व मित्रों के साथ में शेयर करना मत भूलना…..

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