गहड़वाल राजवंश | Gahadwal dynasty | गाहड़वाल वंश के संस्थापक चंद्रदेव थे. इसकी राजधानी वाराणसी थी. इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा गोविन्दचन्द्र था
गहड़वाल राजवंश | Gahadwal dynasty
गाहड़वाल वंश के संस्थापक चंद्रदेव थे. इसकी राजधानी वाराणसी थी. इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा गोविन्दचन्द्र था. इसका मंत्री लक्ष्मीधर शास्त्रों का प्रकांड पंडित था, इसने कृत्यकल्पतरु नामक ग्रन्थ लिखा था.
यह वंश भारतीय उपमहाद्वीप की एक राजपूत शक्ति थी. जिसने 11वीं और 12वीं शताब्दी के दौरान बिहार तथा उत्तर प्रदेश के वर्तमान भारतीय राज्यों के कुछ स्थानों पर राज किया था। वाराणसी में इनकी राजधानी स्थित थी तथा एक संक्षिप्त अवधि के लिए उन्होंने कान्यकुब्ज [आधुनिक कन्नौज] पर भी राज किया था।
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‘काशी नरेश’ के रूप में भी गहड़वाल शासकों को जाना जाता था, क्योंकि इनके राज्य की पूर्वी सीमा के बनारस निकट था।
इस राजवंश के प्रथम सम्राट, चंद्रदेव ने कलचुरी के पतन के बाद एक संप्रभु राज्य की स्थापना 1090 ई. में की। प्रतिहार शासक को हराकर कन्नौज पर चंद्रदेव ने अपना आधिपत्य स्थापित किया और 1100 तक शासन किया। चन्द्रदेव ने महाराजाधिराज की उपाधि से विभूषित थे.
मदनचन्द्र अथवा मदनपाल, चन्द्रदेव का उत्तराधिकारी था। गोविन्दचन्द्र (1114 से 1154) जो की मदनचंद्र का उत्तराधिकारी था. गोविन्दचन्द्र एक महत्वकांशी शासक था। गोविन्दचन्द्र ने पाल वंश से मगध को जीता तथा मालवा पर अपना अधिकार किया था। इसने इस वंश का यश चरम तक पहुँचाया था।
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गोविन्दचन्द्र की एक रानी कुमारदेवी ने सारनाथ में धर्मचक्र-जिन विहार का निर्माण करवाया था. पृथ्वीराज 3 ने स्वयंवर से जयचंद की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर दिया था.
गाहड़वाल साम्राज्य को सुरक्षित गोविन्द चंद्र के पुत्र विजयचन्द्र (1156 से 1170 ईस्वी) ने बनाया। इस वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक जयचन्द (1170 से 1193) था, जिसे गौरी ने 1194 ई. में चन्दावर के युद्ध में मार डाला था. दिल्ली पर शासन के लिए चौहान व गाहड़वालों के मध्य संघर्ष चल रह था, जिस पर अंततः चौहानों का कब्जा हो गया।
गहड़वाल राजवंश के शासक
- गोविन्द चन्द्र [1114ई.-1154 ई.]
- विजय चन्द्र [1155ई.-1170 ई.]
- जयचन्द्र [1170ई.-1193 ई.]
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गहड़वाल राजवंश FAQ
Ans गाहड़वाल वंश के संस्थापक चंद्रदेव थे.
Ans गाहड़वाल वंश की राजधानी वाराणसी थी.
Ans गाहड़वाल वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा गोविन्दचन्द्र था.
Ans गोविन्दचन्द्र का मंत्री लक्ष्मीधर पंडित था.
Ans लक्ष्मीधर पंडित ने कृत्यकल्पतरु नामक ग्रन्थ लिखा था.
Ans “काशी नरेश” के रूप में भी गहड़वाल शासकों को जाना जाता था.
Ans काशी नरेश’ के रूप में भी गहड़वाल शासकों को जाना जाता था, क्योंकि इनके राज्य की पूर्वी सीमा के बनारस निकट था.
Ans गहड़वाल राजवंश के प्रथम सम्राट चंद्रदेव थे.
Ans चंद्रदेव ने कलचुरी के पतन के बाद एक संप्रभु राज्य की स्थापना 1090 ई. में की थी.
Ans चन्द्रदेव ने महाराजाधिराज की उपाधि से विभूषित थे.
Ans मदनचन्द्र अथवा मदनपाल, चन्द्रदेव का उत्तराधिकारी था.
Ans मदनचंद्र का उत्तराधिकारी गोविन्दचन्द्र था.
Ans गोविन्दचन्द्र की एक रानी कुमारदेवी ने सारनाथ में धर्मचक्र-जिन विहार का निर्माण करवाया था.
Ans गहड़वाल वंश का अंतिम शक्तिशाली शासक जयचन्द था
Ans जयचन्द की मृत्यु चन्दावर के युद्ध में हुई थी.
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