धुलंडी का पर्व

धुलंडी का पर्व | भारत में कई प्रकार के त्यौहार प्रचलित है, इनमें से एक धुलंडी भी है. यह हिन्दू मास के अनुसार चैत्र मास में मनाया जाता है

धुलंडी का पर्व

भारत में कई प्रकार के त्यौहार प्रचलित है, इनमें से एक धुलंडी भी है. यह हिन्दू मास के अनुसार चैत्र मास में मनाया जाता है. यह त्यौहार चैत्र कृष्णा प्रतिप्रदा को मनाया जाता है. होली के दूसरे दिन धुलंडी मनायी जाती है। इस दिन होली की अवशिष्ट राख की वंदना की जाती है व रंग गुलालादि से सभी होली खेलते हैं। इसी दिन गणगौर पूजन प्रारम्भ, बसन्तोत्सव, बादशाह मेला (ब्यावर) व फूलडोल मेला (शाहपुरा) मनाये जाते हैं।

इसी प्रकार होली के फागोत्सव अनेक स्थानों पर भी बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं जिनमें भिनाय की कोड़ा मार होली, व्यावर की देवर-भाभी होली, श्री महावीर जी की लट्ठ मार होली, बाड़मेर की पत्थर मार होली एवं ईलो जी की सवारी, मेवाड़ के आदिवासी लोगों की भगोरिया होली, कोटा के आवां का न्हान एवं शेखावाटी का गींदड़ गिनाया जा सकता है।

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धुलंडी का पर्व FAQ

Q 1. धुलंडी का त्यौहार कब मनाया जाता है?

Ans – धुलंडी का त्यौहार चैत्र कृष्णा प्रतिप्रदा को मनाया है.

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