कन्या वध प्रथा

कन्या वध प्रथा | मध्यकाल में कन्या वध जैसी कई प्रथाएँ प्रचलित थी. राज्य के कुछ हिस्सों में स्त्रियों की दशा अच्छी नहीं थी, बेटियों के जन्म लेते ही उन्हें मार दिया था

कन्या वध प्रथा

मध्यकाल में कन्या वध जैसी कई प्रथाएँ प्रचलित थी. राज्य के कुछ हिस्सों में स्त्रियों की दशा अच्छी नहीं थी, बेटियों के जन्म लेते ही उन्हें मार दिया था. कन्या को मारने के कई कारण थे. उस समय कन्या वध बहुत प्रचलित था, लेकिन उसे चुप-चाप किये जाने के कारण लोगों का उन पर ध्यान नहीं जाता था.

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बीकानेर के बीदावतों, मारवाड़ के राठौड़ों, जयपुर के कच्छवाहों और जैसलमेर के भाटियों की कुछ खांपों में कन्यावध के प्रचलन का वर्णन मिलता है। अंग्रेज अधिकारियों ने जहाजपुर के परिहार मीणों में, मेरों में, भरतपुर के जाटों और मेवातियों में भी इस प्रथा के प्रचलन का वर्णन किया है।

राजस्थान में सबसे पहले कैप्टन हॉल ने मेरवाड़ा के मेर लोगों की पंचायत में कन्या वध बन्द करवाया।वर्तमान में कन्या भ्रूण हत्या के रूप में इस प्रथा ने अपनी उपस्थिति प्रकट कर रखी है, जिसे कठोर कानून बनाकर रोकने की आवश्यकता है।

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कन्या वध प्रथा FAQ

Q 1. राजस्थान में सबसे पहले किसने कन्या वध बन्द करवाया था?

Ans – राजस्थान में सबसे पहले कैप्टन हॉल ने मेरवाड़ा के मेर लोगों की पंचायत में कन्या वध बन्द करवाया था.

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