झालावाड़ की स्थापना

झालावाड़ की स्थापना | जालिमसिंह ने झालावाड़ की स्थापना की थी, जो उस समय कोटा के दीवान थे. झालावाड़ को 1838 ई. को बसाया गया था

झालावाड़ की स्थापना

महाराव उम्मेदसिंह एवं जालिमसिंह झाला के पौत्रों महाराव रामसिंह एवं झाला मदनसिंह के संबंध बिगड़ गए। झाला के वंशजों को निरंतर अंग्रेजों का समर्थन मिला, अंततः 1837 ई. में कोटा का अंग भंग हुआ और झाला के उत्तराधिकारियों के लिए एक स्वतंत्र राज्य झालावाड़ की स्थापना हुई।

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झालावाड़ की स्थापना
झालावाड़ स्थापना
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इस नगर की स्थापना जालिमसिंह ने की थी, जो उस समय कोटा के दीवान थे. झालावाड़ की स्थापना 1838 ई. को की गई थी. यह राजस्थान में अंग्रेजों द्वारा बनायी गई आखिरी रियासत थी। इसकी राजधानी झालरापाटन बनाई गई।

1838 ई. को अंग्रेज शासकों ने झालावाड़ को कोटा से अलग कर दिया और झाला जालिम सिंह के पौते को झालावाड़ दे दिया था. उन्होंने झालावाड़ राज्य को विकसित करने के लिए प्रशासन व्यवस्था का विकास किया था.

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झालावाड़ की स्थापना FAQ

Q 1. झालावाड़ को कब बसाया गया था?

Ans – झालावाड़ को 1838 ई. को बसाया गया था.

Q 2. झालावाड़ को किसने बसाया था?

Ans – झालावाड़ को झाला जालिम सिंह ने बसाया था.

Q 3. झालावाड़ की राजधानी कहाँ स्थापित की गई थी?

Ans – झालावाड़ की राजधानी झालरापाटन में स्थापित की गई थी.

Q 4. अंग्रेजों द्वारा बनाई गई अंतिम रियासत कौनसी थी?

Ans – अंग्रेजों द्वारा बनाई गई अंतिम रियासत झालावाड़ थी.

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