सम्राट अशोक का शासनकाल

सम्राट अशोक का शासनकाल | Emperor Ashoka’s reign | सम्राट अशोक के साम्राज्य में मुख्यमंत्री व पुरोहित की न्युक्ति के पूर्व उनके चरित्र की काफी जांचा परखा जाता था. इसे उपधा परिक्षण कहा जाता था

सम्राट अशोक का शासनकाल

सम्राट अशोक के साम्राज्य में मुख्यमंत्री व पुरोहित की न्युक्ति के पूर्व उनके चरित्र की काफी जांचा परखा जाता था. इसे उपधा परिक्षण कहा जाता था. सम्राट की सहायता के लिए एक मंत्रिपरिषद होती थी. जिसमें सदस्यों की संख्या 12, 16 या 20 हुआ करती थी.

अर्थशास्त्र में शीर्षस्थ अधिकारी के रूप में तीर्थ का उल्लेख मिलता है. जिस एमहमात्र भी कहा जाता है. इसकी संख्या 18 थी. अर्थशास्त्र में चर जासूस को कहा जाता था. अशोक के समय मौर्य साम्राज्य में प्रान्तों की संख्या 5 थी. प्रान्तों को चक्र भी कहा जाता था. प्रान्तों के प्रशासक कुमार/आर्यपुत्र/राष्ट्रिक कहा जाता था.

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प्रान्तों का विभाजन विषय में किया गया था. विषय विषयपति के अधीन होते थे. प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी. जिसका मुख्या ग्रामीक कहलाता था. प्रशासकों में सबसे छोटा गोप था. जो दस ग्रामों का शासन संभालता था.

सम्राट अशोक का शासनकाल | Emperor Ashoka's reign
सम्राट अशोक का शासनकाल

मेगस्थनीज के अनुसार नगर का प्रशासन 30 सदस्यों का एक मंडल करता था जो 6 समितियों में विभाजित था. प्रत्येक समिति में 5 सदस्य थे. बिक्री कर के रूप में 10 वाँ भाग वसूला जाता था, इसे बचाने वाले को मृत्युदंड दिया जाता था. मेगस्थनीज के अनुसार मार्ग निर्माण का अधिकरी एग्रोनोमाई था.

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जस्टिन के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना में 50000 अश्वारोही सैनिक, 9000 हाथी व 8000 रथ थे. जस्टिन के अनुसार चन्द्रगुप्त ने अपनी 6 लाख की फौज से सरे भारत को रौंद दिया था. यह बात सही भी हो सकती है व नहीं भी, लेकिन यह सही है की चन्द्रगुप्त मौर्य ने पश्चिम उत्तर भारत को सेल्यूकस की गुलामी से मुक्त करवाया था. जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना को लुटेरों की सेना कहा है.

युद्ध क्षेत्र में सेना का नेतृत्व करने वाला अधिकारी नायक कहलाता था. सैन्य विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी सेनापति होता था. प्लिनी नामक यूनानी लेखक के अनुसार चन्द्रगुप्त की सेना में 6 लाख पैदल सिपाही, तीस हजार घुड़संवार व 9 हजार हाथी थे.

मेगस्थनीज के अनुसार मौर्य सेना का रख रखाव 5 सदस्यीय, 6 समितियां करती था. सरकारी भूमि को सीता भूमि कहा जाता था. बिना वर्षा के अच्छी खेती होने वाली भूमि को अदेवमातृक कहा जाता था. नन्द वंश के विनाश करने में चन्द्रगुप्त मौर्य ने कश्मीर के राजा पर्वतक से सहयता प्राप्त की थी.

मौर्य शासन 137 वर्षों तक रहा था. भागवत पुराण के अनुसार मौर्य वंश में 10 राजा हुए थे. जबकि वायु पुराण के अनुसार 9 राजा हुए थे.

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सम्राट अशोक का शासनकाल FAQ

Q 1. सम्राट की सहायता के लिए एक्या होता था?

Ans सम्राट की सहायता के लिए एक मंत्रिपरिषद होती थी.

Q 2. मंत्रिपरिषद में सदस्य संख्या कितनी थी?

Ans मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या 12, 16 या 20 हुआ करती थी.

Q 3. महामत्रों की संख्या कितनी थी?

Ans महामत्रों की संख्या 18 थी.

Q 4. अशोक के समय मौर्य साम्राज्य में प्रान्तों की संख्या कितनी थी?

Ans अशोक के समय मौर्य साम्राज्य में प्रान्तों की संख्या 5 थी.

Q 5. प्रान्तों का विभाजन किसमें किया गया था?

Ans प्रान्तों का विभाजन विषय में किया गया था.

Q 6. बिक्री कर के रूप में कितना भाग वसूला जाता था

Ans बिक्री कर के रूप में 10 वाँ भाग वसूला जाता था.

Q 7. मेगस्थनीज के अनुसार मार्ग निर्माण का अधिकरी कौन था?

Ans मेगस्थनीज के अनुसार मार्ग निर्माण का अधिकरी एग्रोनोमाई था.

Q 8. जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना को क्या सेना कहा है?

Ans जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य की सेना को लुटेरों की सेना कहा है.

Q 9. विषय किस के अधीन होते थे?

Ans विषय विषयपति के अधीन होते थे.

Q 10. युद्ध क्षेत्र में सेना का नेतृत्व करने वाला अधिकारी क्या कहलाता था?

Ans युद्ध क्षेत्र में सेना का नेतृत्व करने वाला अधिकारी नायक कहलाता था.

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