ब्राह्मण साम्राज्य | Brahmin kingdom | पुष्यमित्र शुंग, जिसने मगध साम्राज्य पर शुंग वंश की नींव डाली थी, वह ब्राह्मण था. शुंग शासकों ने अपनी राजधानी विदिशा में स्थापित की थी
ब्राह्मण साम्राज्य | Brahmin kingdom
शुंग व कण्व राजवंश
पुष्यमित्र शुंग, जिसने मगध साम्राज्य पर शुंग वंश की नींव डाली थी, वह ब्राह्मण था. शुंग शासकों ने अपनी राजधानी विदिशा में स्थापित की थी. इंडो-यूनानी शासक मिनांडर को पुष्यमित्र शुंग ने पराजित किया था. इसने दो बार अश्वमेघ यज्ञ करवाए थे. इनके लिए पतंजलि ने अश्वमेघ यज्ञ करवाए थे.
भरहूत स्तूप का निर्माण पुष्यमित्र ने करवाया था. शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था. इसकी हत्या 73 ईसा पूर्व में वासुदेव ने की थी. वासुदेव ने मगध पर कण्व वंश की स्थापना की थी. कण्व का अंतिम शासक सुशर्मा हुआ था.
सातवाहन वंश
शिमुक ने 60 ईसा पूर्व में सुशर्मा की हत्या कर दी व सातवाहन वंश की स्थापना की थी. सातवाहन शासकों ने अपनी राजधानी प्रतिष्ठान [गिदवारी नदी के किनारे] में में स्थापित की थी. [प्रतिष्ठान महाराष्ट्र के औरन्गाबद जिले में है]
सातवाहन वंश के प्रमुख शासक शिमुक, शातकर्णी, गौतमीपुत्र, शातकर्णी, वाशिष्ठिपुत्र, पुलुमावी तथा यज्ञश्री शातकर्णी थे.
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शातकर्णी ने दो अश्वमेघ तथा एक राजसूय यज्ञ करवाया था. सातवाहन शासकों के समय प्रसिद्ध साहित्यकार हाल व गुणाढ्य थे. हाल ने गुणाढ्य ने बृहत्कथा नामक पुस्तकों की रचना की थी.
सातवाहनों ने चांदी, तांबा, सीसा [सर्वाधिक], पोटीन तथा कांसे की मुद्राओं का प्रचलन किया था. सातवाहन अपना सिक्का ढलने में जिस सीसे का इस्तेमाल करते थे, उसे रोम से मंगाया जाता था.
ब्राह्मणों को भूमि अनुदान देने की प्रथा का प्रारंभ सातवाहन शासकों ने ही किया था. भूमिदान का सर्वप्राचीन पुरालेखीय प्रमाण शताब्दी ई. पू. के सातवाहनों के नानाघट अभिल्केख में मिलता है, जिसमें अश्वमेघ यज्ञ में एक गाँव देने का उल्लेख है. सातवाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत व लिपि ब्राह्मी है.
सातवाहनों में हमें मातृतंत्रात्मक ढांचे का आभास मिलता है. उनके राजाओं के नाम उनकी माताओं के नाम पर रखे जाते थे, जैसे गोतामिपुत्र आदि. लेकिन सातवाहन राजकुल पितृतंत्रात्मक था, क्योंकि राजसिंहासन का उतराधिकारी पुत्र ही होता था.
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सातवाहन शासकों ने ग्रामीण क्षेत्रों का प्रशासन का काम गौल्मिक को सौंपा था. गौल्मिक एक सेना टुकड़ी का प्रधान होता था, जिसमें 9 रथ, 9 हाथी, पच्चीस घोड़े व पैंतालिस पैदल सैनिक थे.
सातवाहनों की की महत्वपूर्ण स्थापत्य कृतियाँ :- कार्ले का चैत्य, अजंता व एलोरा की गुफाओं का निर्माण एवं अमरावती कला का विकास है. शातकर्णी व अन्य सभी सातवाहन शासक दक्षिणापथ के स्वामी कहे जाते है. सातवाहन राज्य ने उतर व दक्षिण के बीच सेतु का काम किया है.
चेदी वंश [कलिंग]
अशोक की मृत्यु के उपरांत संभवतः प्रथम शताब्दी ई.पू. में कलिंग में चेदी वंश का उदय हुआ था. इसकी जानकारी हमें हाथी गुम्फा अभिलेख से मिलती है. इस वंश का सबसे प्रतापी शासक खारवेल था. खारवेल जैन धर्म का अनुनायी था और उसने जैन मुनियों के लिए उदयगिरी की पहाड़ी में गुफा का निर्माण करवाया था.
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ब्राह्मण साम्राज्य FAQ
Ans पुष्यमित्र शुंग ने मगध साम्राज्य पर शुंग वंश की नींव डाली थी.
Ans शुंग शासकों ने अपनी राजधानी विदिशा में स्थापित की थी.
Ans शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था.
Ans देवभूति की हत्या 73 ईसा पूर्व में वासुदेव ने की थी
Ans वासुदेव ने मगध पर कण्व वंश की स्थापना की थी.
Ans शिमुक ने 60 ईसा पूर्व में सुशर्मा की हत्या कर दी व सातवाहन वंश की स्थापना की थी.
Ans ब्राह्मणों को भूमि अनुदान सेने की प्रथा का प्रारंभ सातवाहन शासकों ने ही किया था.
Ans सातवाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत व लिपि ब्राह्मी है.
Ans चेदी वंश का सबसे प्रतापी शासक खारवेल था.
Ans खारवेल जैन धर्म का अनुनायी था.
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