भारत में ब्रिटिश कंपनियों का आगमन part 2

भारत में ब्रिटिश कंपनियों का आगमन part 2 | Arrival of British Companies in India | 31 दिसंबर 1600 ई. को इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अधिकार-पत्र प्रदान किया था. प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी में 217 साझीदार थे पहला गर्वनर टॉमस स्मिथ था.

भारत में ब्रिटिश कंपनियों का आगमन | Arrival of British Companies

मुगल दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन होकिंस था, जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में अप्रैल 1609 ई. में जहाँगीर के दरबार में आया था. भारत आने वाला प्रथम अंग्रेजी जहाज रेड ड्रैगन था. 1611 ई. में द. पू. समुद्र तट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मसुलीपट्टम में अपनी व्यापारिक कोठी स्थापित की थी.

जहाँगीर ने 1613 ई. में एक फरमान जारी कर अंग्रजों को सूरत में थॉमस एल्डवर्थ के अधीन व्यापारिक कोठी खोलने की इजाजत दी थी.

पूर्वी तट पर अंग्रेजों ने अपना प्रथम व्यापारिक कोठी मसुलीपट्टनम में 1611 ई. में खोला, जबकि पश्चिमी तट पर सूरत में 1613 ई. में में एक व्यापारिक कोठी स्थापित की थी. पहली बार सूरत में 1608 ई. में व्यापारिक कोठी स्थापित करने का प्रयास किया गया था. 

1615 ई. में सम्राट जेम्स प्रथम ने “सर टॉमस रो” को अपना राजदूत बनाकर मुगल सम्राट जहाँगीर के दरबार में भेजा था. रो फरवरी 16190 ई. तक भारत में रहा था. रो जहाँगीर व खुर्रम से अंग्रेजों के लिए कुछ व्यापारिक छूट प्राप्त करने में सफल हुआ.

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1632 ई. में गोलकुंडा के सुल्तान ने अंग्रेजों को एक सुनहला फरमान दिया जिसके अनुसार अंग्रेज सुल्तान को 500 पैगोडा वार्षिक कर देकर गोलकुंडा राज्य के बंदरगाह पर स्वतंत्रतापूर्वक व्यापार कर सकते है.

1639 ई. में अंग्रेज फ्रांसिस डे ने चंद्रगिरी के राजा से मद्रास पट्टे पर लिया व वहीँ एक किलेबंद कोठी का निर्माण किया, इस कोठी का नाम “फोर्ड सेंट जार्ज” रखा गया व यही फोर्ड सेंट जार्ज कालांतर में कोरोमंडल तट पर अंग्रेजी मुख्यालय बना था.

भारत में ब्रिटिश कंपनियों का आगमन part 2
भारत में ब्रिटिश कंपनियों का आगमन part 2

1661 ई. में पुर्तगाली राजकुमारी “कैथरीन ऑफ़ ब्रेगेंजा व ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स द्वितीय का विवाह हुआ. इस अवसर पर दहेज़ के रूप में पुर्तगालियों ने चार्ल्स 2 को बम्बई प्रदान किया था.

1668 ई. में चार्ल्स द्वितीय ने बम्बई को 10 पौंड के वार्षिक किराये पर ईस्ट इंडिया को दे दिया था. 1687 ई. में अंग्रजों ने पश्चिमी तट का मुख्यालय सूरत से हटाकर बम्बई को बनाया था. “गेराल्ड औंगियर {सूरत का प्रेजिडेंट व बम्बई का गर्वनर} ने बम्बई शहर की स्थापना की थी.

बंगाल के शासक शाह्शुजा ने सर्वप्रथम 1651 ई. में अंग्रेजों को व्यापारिक छूट की अनुमति दी थी. इस अनुमति को निशान कहते है. 1698 ई. में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने तीन गाँव :- सूतानुती, कालीकट व गोविंदपुर की जमींदारी 1200 रु. का भुगतान कर प्राप्त किया व फोर्ट विलियम का निर्माण करवाया था. “चार्ल्स आयर” फोर्ट विलियम के प्रथम प्रेसिडेंट हुआ था. कालान्तर में फोर्ट विलियम ही कलकत्ता नगर कहलाया था, जिसकी नींव जार्ज चर्नोउक ने रखी थी.

भारत में फ्रांसीसियों की प्रथम कोठी फ्रैंको कैरों के द्वारा सूरत में 1668 ई. में स्थापित की गई थी. 1674 ई. में फ़्रांसिसी कंपनी के निदेशक फ्रेंक्विस मार्टिन ने वालिकोंडापुर के सुबेदार शेर खां लोदी से पुदुचेरी नामक एक गाँव प्राप्त किया, जो कालांतर में पांडिचेरी के नाम से जाना गया था.

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प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-48 ई. में आस्ट्रिय के उत्तराधिकार यूद्ध से प्रभावित था. 1748 ई. में ए-ला-शपल की संधि के द्वारा आस्ट्रिया का उत्तराधिकार युद्ध समाप्त हो गया और इसी संधि के तहत कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ था. दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-54 ई. में हुआ था. इस युद्ध में फ़्रांसिसी गर्वनर डुप्ले की हार हुई थी. उसे वापस बुला लिया गया व उसकी जगह पर गोडेहू को भारत का अगला फ़्रांसिसी गर्वनर बनाया गया.पांडिचेरी की संधि के साथ इस युद्ध को समाप्त किया गया था.

कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-63 ई. में के बीच में हुआ था जो 1756 ई. में शुरू हुए सप्तवर्षीय युद्ध का एक अंग ही था. पेरिस की संधि के बाद यह युद्ध समाप्त हुआ था.

1760 ई. में अंग्रेजी सेना ने सर आयरकूट के नेतृत्व में वांडीवास के युद्ध में फ्रांसीसियों को बुरी तरह से हराया. 1761 ई. में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से छीन लिया था.

1763 ई. में पेरिस संधि के द्वारा अंग्रेजों ने चंद्रनगर को छोड़कर शेष अन्य प्रदेशों को लौटा दिया, शेष 1749 ई. तक फ़्रांसिसी कब्जे में थे, ये प्रदेश भारत की आजादी तक फ्रांसीसियों के कब्जे में रहे थे.

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भारत में ब्रिटिश कंपनियों का आगमन part 2 FAQ

Q 1. इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अधिकार-पत्र कब प्रदान किया था?

Ans 31 दिसंबर 1600 ई. को इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अधिकार-पत्र प्रदान किया था.

Q 2. प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी में कितने साझीदार थे?

Ans प्रारंभ में ईस्ट इंडिया कंपनी में 217 साझीदार थे

Q 3. ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गर्वनर कौन था?

Ans ईस्ट इंडिया कंपनी का पहला गर्वनर टॉमस स्मिथ था.

Q 4. मुगल दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज कौन था व किसके राजदूत के रूप में जहाँगीर के दरबार में आया था?

Ans मुगल दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन होकिंस था, जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में जहाँगीर के दरबार में आया था.

Q 5. भारत आने वाला प्रथम अंग्रेजी जहाज कौनसा था?

Ans भारत आने वाला प्रथम अंग्रेजी जहाज रेड ड्रैगन था.

Q 6. सर्वप्रथम अंग्रेजों ने अपनी व्यापारिक कोठी कब व कहाँ स्थापित की थी?

Ans 1611 ई. में द. पू. समुद्र तट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मसुलीपट्टम में अपनी व्यापारिक कोठी स्थापित की थी.

Q 7. बम्बई शहर की स्थापना किसने की थी?

Ans “गेराल्ड औंगियर {सूरत का प्रेजिडेंट व बम्बई का गर्वनर} ने बम्बई शहर की स्थापना की थी.

Q 8. किस अनुमति को निशान कहते है?

Ans बंगाल के शासक शाह्शुजा ने सर्वप्रथम 1651 ई. में अंग्रेजों को व्यापारिक छूट की अनुमति दी थी, इस अनुमति को निशान कहते है

Q 9. कालान्तर में फोर्ट विलियम क्या कहलाया था?

Ans कालान्तर में फोर्ट विलियम ही कलकत्ता नगर कहलाया था.

Q 10. प्रथम कर्नाटक युद्ध कब हुआ था?

Ans प्रथम कर्नाटक युद्ध 1746-48 ई. में हुआ था.

Q 11. दूसरा कर्नाटक युद्ध कब हुआ था?

Ans दूसरा कर्नाटक युद्ध 1749-54 ई. में हुआ था.

Q 12. कर्नाटक का तीसरा युद्ध कब हुआ था?

Ans कर्नाटक का तीसरा युद्ध 1756-63 ई. में के बीच में हुआ था.

Q 13. अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से कब छीन लिया था?

Ans 1761 ई. में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसियों से छीन लिया था.

Q 14. कर्नाटक प्रथम युद्ध किस संधि के तहत समाप्त हुआ था?

Ans ए-ला-शपल की संधि के तहत कर्नाटक युद्ध समाप्त हुआ था.

Q 15. द्वितीय कर्नाटक युद्ध किस संधि के तहत समाप्त हुआ था?

Ans द्वितीय कर्नाटक युद्ध पांडिचेरी की संधि के साथ समाप्त किया गया था.

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