राजा भगवन्तदास | भारमल की मृत्यु पर इसका ज्येष्ठ पुत्र राजा भगवन्तदास 1573-74 ई. में आमेर की राजगद्दी पर बैठा। वह अपने पिता की भाँति अच्छा शासक और योग्य सेनानायक था
राजा भगवन्तदास
भारमल की मृत्यु पर इसका ज्येष्ठ पुत्र राजा भगवन्त दास 1573-74 ई. में आमेर की राजगद्दी पर बैठा। वह अपने पिता की भाँति अच्छा शासक और योग्य सेनानायक था। इन्होंने अपनी पुत्री मानबाई का विवाह शहजादा सलीम से किया। आमेर की मानबाई के गर्भ से शहजादा खुसरो का जन्म हुआ।
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सात वर्ष (1582-89 ई.) तक पंजाब का सूबेदार रहा। भारमल के पुत्र राजा भगवन्त दास को ‘अमीर-उल-उमरा’ का पद एवं 5000 जात और 5000 सवार का मनसब मिला। मुगल दरबार में भगवन्त दास को ऊँचा मनसब प्राप्त था।
इसके अलावा वह एक उत्कृष्ट योद्धा था, जिसने आमेर से बाहर जाकर पश्चिमी और उत्तरी भारत में कई बड़े युद्ध लड़े और उनमें विजय प्राप्त की। राजा भगवन्त दास की मृत्यु लाहौर में 13 नवम्बर ,1589 ई. में हुई थी। उनकी मृत्यु के बाद मानसिंह आमेर का शासक बना था.
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राजा भगवन्तदास FAQ
Ans – राजा भगवन्त दास के पिताजी का नाम भारमल था.
Ans – राजा भगवन्त दास का राज्याभिषेक
Ans – भारमल के बाद आमेर का शासक भगवन्त दास बना था.
Ans – राजा भगवन्त दास की मृत्यु
Ans – राजा भगवन्त दास के बाद आमेर का शासक मानसिंह बना था.
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