गुप्त काल की गुफाएं और रचनाएं | अजंता की निर्मित कुल 29 गुफाओं में से वर्तमान में केवल 6 ही शेष बची है, जिनमें गुफा संख्या 16 व 17 ही गुप्तकालीन है
गुप्त काल की गुफाएं और रचनाएं
अजंता की निर्मित कुल 29 गुफाओं में से वर्तमान में केवल 6 ही शेष बची है, जिनमें गुफा संख्या 16 व 17 ही गुप्तकालीन है. इसमें गुफा संख्या 16 में उत्कीर्ण मरणासन्न राजकुमारी का चित्र प्रशंसनीय है.
गुफा संख्या 17 के चित्रों को चित्रशाला कहा गया है. इस चित्रशाला में बुद्ध के जन्म, जीवन, महाभिनिष्क्रमण एवं निर्वाण की घटनाओं से संबंधित चित्र उद्धृत किए गए है. अजंता की गुफाएँ बौद्ध धर्म की महायान शाखा से संबंधित है. गुप्त काल में निर्मित अन्य गुफा बाघ की गुफा है, जो बाघ नामक स्थान पर विंध्य पर्वत को काटकर बनाई गई है.
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गुप्त काल में विष्णु शर्मा द्वारा लिखित पंचतंत्र को संसार का प्रचलित ग्रन्थ माना जाता है. बाइबिल के बाद इसका दूसरा स्थान है. इसे पांच भागों में बांटा गया है :-
- मित्रभेद
- मित्रलाभ
- संधि-विग्रह
- लब्ध-प्रणाश
- अपरिक्षाकारित्व
आर्यभट्ट ने आर्यभट्टियम व सूर्यसिद्धान्त नामक ग्रन्थ लिखे थे. उसने सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण के वास्तविक कारण बताए थे. यह पहले भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने घोषणा की कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती है. वराहमिहिर ने वृहतसंहिता, पंचसिद्धंत बृहज्जाक, और लघुजातक की रचना की थी.
गुप्त काल में पलकांव ने पशु चिकित्सा पर हस्तायुर्वेद लिखा था. नवनीतकम की रचना गुप्त काल में की गई है. इस पुस्तक में नुस्खे, सूत्र व उपचार विधियाँ दी गई है. पुराणों की वर्तमान रूप में रचना गुप्त काल में हुई थी. इसमें ऐतिहासिक परम्पराओं का उल्लेख है.
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गुप्त काल में चांदी के सिक्को को रुप्यका कहा जाता था. याज्ञवल्कय, नारद, कात्यायन एवं बृहस्पति की रचना गुप्तकाल में हुई थी. मंदिर बनाने की कला का जन्म गुप्त काल में ही हुआ था. त्रिमूर्ति का अवधारणा का विकास गुप्त काल में ही हुआ था. गुप्त वंश के शासकों ने मंदिरों व ब्राह्मणों को सबसे अधिक ग्राम अनुदान में दिए थे.
गुप्त काल लौकिक साहित्य की सर्जना के लिए स्मरणीय है. भास ने तेरह नाटक इसी काल के है. शूद्रक का लिखा नाटक मृच्छकटिकम माती की खिलौना गाड़ी जिसमें निर्धन ब्राह्मण के साथ वेश्या का प्रेम वर्णित है. यह नाटक प्राचीन नाटकों में से सर्वउत्कृष्ट माना जाता है.
कालिदास की कृति शान्कुतलम प्रथम भारतीय रचना है जिसका अनुवाद यूरोपीय भाषा में हुआ है. ऐसी दूसरी रचना भगवदगीता है. सांस्कृतिक उपलब्धियों के कारण गुप्त काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है. नगरों का क्रमिक पतन गुप्तकाल की प्रमुख विशेषता थी.
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गुप्त काल की गुफाएं और रचनाएं FAQ
Ans अजंता की कुल गुफाए 29 थी.
Ans अजंता की 6 गुफाए वर्तमान में शेष बची है.
Ans अजंता की गुफा संख्या 16 व 17 ही गुप्तकालीन है.
Ans गुफा संख्या 17 के चित्रों को चित्रशाला कहा गया है.
Ans अजंता की गुफाएँ बौद्ध धर्म की महायान शाखा से संबंधित है.
Ans आर्यभट्ट ने आर्यभट्टियम व सूर्यसिद्धान्त नामक ग्रन्थ लिखे थे.
Ans आर्यभट्ट ने सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण के वास्तविक कारण बताए थे
Ans “पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती है” यह घोषणा आर्यभट्ट ने सबसे पहले की थी.
Ans वराहमिहिर ने वृहतसंहिता, पंचसिद्धंत बृहज्जाक, और लघुजातक की रचना की थी.
Ans गुप्त काल में पलकांव ने पशु चिकित्सा पर हस्तायुर्वेद लिखा था.
Ans नवनीतकम की रचना गुप्त काल में की गई थी.
Ans पुराणों की वर्तमान रूप में रचना गुप्त काल में हुई थी.
Ans गुप्त काल में चांदी के सिक्को को रुप्यका कहा जाता था.
Ans मंदिर बनाने की कला का जन्म गुप्त काल में हुआ था.
Ans त्रिमूर्ति का अवधारणा का विकास गुप्त काल में हुआ था.
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