बाल विवाह | मध्यकाल में कई कुप्रथाएँ प्रचलित थी, जिनमें से एक प्रमुख प्रथा बाल विवाह थी. 1929 में इस प्रथा को रोकने हेतु अधिनियम पारित हुआ, जिसे ‘शारदा एक्ट’ कहा जाता है
बाल विवाह
भारत में इस प्रथा का प्रचलन हर्षवर्धन के काल में हुआ।बाणभट्ट के हर्ष चरित्र के अनुसार हर्षवर्धन की छोटी बहिन राजश्री जो कि अल्पवयस्क कन्या ही थी का विवाह कन्नौज के शासक ग्रहवर्मा के साथ हुआ था। यह छोटी उम्र का पहला लिखित प्रमाण है।
विभिन्न शासकों ने इसे रोकने का प्रयास किया। अजमेर के विख्यात समाजसेवी एवं इतिहासकार हरविलास शारदा के प्रयासों से सन् 1929 में बाल विवाह निरोधक अधिनियम पारित हुआ, जिसे ‘शारदा एक्ट’कहा जाता है।
यह भी देखे :- विधवा विवाह
यह भी देखे :- बंधुआ मजदूरी
बाल विवाह FAQ
Ans – ‘शारदा एक्ट’ 1929 ई . को पारित किया गया था.
Ans भारत में छोटी उम्र में विवाह करने का प्रचलन हर्षवर्धन के काल में हुआ था.
आर्टिकल को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद.. यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसन्द आया तो इसे अपने मित्रों, रिश्तेदारों व अन्य लोगों के साथ शेयर करना मत भूलना ताकि वे भी इस आर्टिकल से संबंधित जानकारी को आसानी से समझ सके.
यह भी देखे :- दहेज प्रथा