अर्णोराज चौहान | अजयराज के बाद अर्णोराज ने 1133 ई. के लगभग अजमेर का शासन संभाला। इसे ‘आनाजी चौहान’ भी कहते हैं। राज्यकाल में इन्होंने अनेक विजय प्राप्त की
अर्णोराज चौहान
अजयराज के बाद अर्णोराज ने 1133 ई. के लगभग अजमेर का शासन संभाला। इसे ‘आनाजी चौहान’ भी कहते हैं। इसने ‘महाराजाधिराज परमेश्वर परमभट्टारक श्रीमान’ की उपाधि धारण की। राज्यकाल में अर्णोराज ने अनेक विजय प्राप्त की।
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त्रुटित चाहमान प्रशस्ति में इसकी चार उपलब्धियां विशेष रूप से निर्दिष्ट हैं :
(1) उसने अजमेर के निकट तुरुष्कों का वध किया था,
(2) उसने मालवा के राजा नरवर्मा को हराया,
(3) चौहान सेना को वह सिंधु और सरस्वती तक ले गया,
(4) हरितानक देश पर भी उसने एक बार अभियान किया।
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इन्दु नदी रोककर अजमेर में ‘आनासागर झील’ का निर्माण करवाया। अर्णोराज एवं चालुक्य जयसिंह सिद्धराज के मध्य वैमनस्य था। जयसिंह ने अपनी पुत्री कांचन देवी का विवाह अणोराज से करके मधुर संबंध बनाये। चालुक्य शासक कुमारपाल ने आबू के निकट युद्ध में अर्णोराज को हराया।
उसने अपनी पुत्री जल्हणा का कुमारपाल से विवाह करना पड़ा। मालवे में चौलुक्यों की विजय हुई। वहां का राजा बल्लाल युद्ध में मारा गया। इस विजय से कुमारपाल का आतंक राजस्थान में जम गया। इस युद्ध का वर्णन प्रबन्ध चिन्तामणि एवं प्रबन्ध कोश में मिलता है। उसने पुष्कर में वराह-मंदिर का निर्माण करवाया।
अर्णोराज ने अजमेर में खरतरगच्छ के अनुयायियों के लिए भूमिदान दिया। ‘देवबोध’ और ‘धर्मघोष’ उसके समय के प्रकाण्ड विद्वान थे जिनको उसने सम्मानित किया था। उसके पुत्र जग्गदेव ने उसकी हत्या कर दी।
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अर्णोराज चौहान FAQ
Ans – अजयराज के बाद अर्णोराज ने अजमेर का शासन संभाला.
Ans – अर्णोराज ने 1133 ई. के लगभग अजमेर का शासन संभाला.
Ans – अर्णोराज को ‘अनाजी चौहान’ के नाम से भी जाना जाता है.
Ans – अर्णोराज ने ‘महाराजाधिराज परमेश्वर परमभट्टारक श्रीमान’ की उपाधि धारण की थी.
Ans – अर्णोराज की हत्या उसके पुत्र जग्गदेव ने की थी.
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