ऋग्वेद क्या है | What is Rigveda | प्राचीन भारत के पवित्र साहित्य वेद हैं जो हिन्दुओं का आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य वेद हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सबसे प्राचीन ग्रन्थ और सनातन धर्म का मूल हैं
ऋग्वेद क्या है
प्राचीन भारत के पवित्र साहित्य वेद हैं जो हिन्दुओं का आधारभूत धर्मग्रन्थ भी हैं। विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य वेद हैं। भारतीय संस्कृति में वेद सबसे प्राचीन ग्रन्थ और सनातन धर्म का मूल हैं।
अन्य तीन वेदों की रचना ऋग्वेद से ही हुई है. ऋग्वेद पद्यात्मक है. यूनेस्को में वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की लगभग 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में सम्मलित किया था. ऋग्वेद का लेखन सम्भवतः सप्त-सैंधव प्रदेश में हुआ था. इस वेद के मन्त्रों व ऋचाओं का लेखन किसी एक ऋषि ने एक निश्चित समय में नहीं, बल्कि विभिन्न काल में विभिन्न ऋषियों द्वरा इस वेद का लेखन किया गया है.
वेद के प्रकार
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- ऋग्वेद
- ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान को ऋग्वेद कहा गया है.
- ऋग्वेद में 10 मंडल व 1028 सूक्त एवं 10462 ऋचाएं है.
- ऋग्वेद की ऋचाएं को पढ़ने वाले ऋषि को होतृ कहा जाता है.
- ऋग्वेद से आर्यों के इतिहास, राजनीतिक प्रणाली व इश्वर की महिमा के बारे में जानकारी मिलाती है.
- विश्वामित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है. इसके नौवे मंडल में देवता सोम का उल्लेख है.
- ऋग्वेद के आंठवे मंडल की हस्त लिखित ऋचाओं को खिल कहा जाता है.
- चातूष्वर्ण्य समाज की कल्पना का आदि स्त्रोत पुरुषसूक्त है जो की ऋग्वेद के 10 वे मंडल में वर्णित है. जिसके अनुसार चार वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य व शुद्र आदि पुरुष जिनका निर्माण ब्रह्मा के क्रमशः मुख, भुजाओं, जंघाओं व चरणों से हुआ था.
- ऋग्वेद के कई परिच्छेदों में प्रयुक्त अधन्य शब्द का संबंध गाय से है.
- ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान को ऋग्वेद कहा गया है.
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ऋग्वेद क्या है FAQ
Ans प्राचीन भारत के पवित्र साहित्य वेद हैं.
Ans हिन्दुओं का आधारभूत धर्मग्रन्थ वेद है.
Ans विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य वेद हैं.
Ans भारतीय संस्कृति में वेद सबसे प्राचीन ग्रन्थ हैं.
Ans भारतीय संस्कृति में वेद सनातन धर्म का मूल हैं.
Ans अन्य तीन वेदों की रचना ऋग्वेद से ही हुई है.
Ans ऋग्वेद पद्यात्मक है.
Ans यूनेस्को में वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की लगभग 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में सम्मलित किया था.
Ans ऋग्वेद का लेखन सम्भवतः सप्त-सैंधव प्रदेश में हुआ था.
Ans ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान को ऋग्वेद कहा गया है.
Ans ऋग्वेद में 10 मंडल व 1028 सूक्त एवं 10462 ऋचाएं है.
Ans ऋग्वेद की ऋचाएं को पढ़ने वाले ऋषि को होतृ कहा जाता है.
Ans ऋग्वेद से आर्यों के इतिहास, राजनीतिक प्रणाली व इश्वर की महिमा के बारे में जानकारी मिलाती है.
Ans ऋग्वेद के आंठवे मंडल की हस्त लिखित ऋचाओं को खिल कहा जाता है.
Ans ऋग्वेद के कई परिच्छेदों में प्रयुक्त अधन्य शब्द का संबंध गाय से है.
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